महाराष्ट्र के लातूर निवासी एक छात्र ने राजस्थान के कोटा में एक कोचिंग संस्थान की इमारत की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। उसके रिश्तेदारों और दोस्तों ने सोमवार को बताया कि वह एक ईमानदार और होनहार छात्र था। वह अपने भाई के नक्शेकदम पर चलते हुए नीट की कोचिंग के लिए वहां गया था।
पुलिस ने बताया कि कोटा के जवाहर नगर इलाके में रविवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) का नकली पेपर देने के कुछ ही मिनट बाद अविष्कार कलसे की अपराह्न सवा तीन बजे मौत हो गई। वह लातूर की अहमदपुर तहसील के उजाना गांव का निवासी था, जहां उसके पिता संभाजी कलसे थोडागा गांव में एक जिला परिषद स्कूल के प्रभारी हैं।
उसके परिजनों ने कहा, उसकी मां नांदेड़ जिले के किनवट में एक सरकारी विभाग में काम करती हैं। अविष्कार के भाई ने कोटा में कोचिंग क्लास ली थी और अब हैदराबाद में इंजीनियरिंग कर रहा है। वह एक ईमानदार और चतुर छात्र था। अपने भाई के नक्शेकदम पर कोटा चला गया था। उन्होंने बताया कि अविष्कार ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अहमदपुर में पूरी की थी और पिछले तीन साल से मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा था। कुछ रिश्तेदारों ने बताया कि उसका अंतिम संस्कार शाम को उनके पैतृक गांव उजाना में किया जाएगा।
राजस्थान के अधिकारियों के मुताबिक, कोटा जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 22 छात्र 2023 में अब तक अपना जीवन समाप्त कर चुके हैं, जो किसी भी वर्ष के लिए सबसे अधिक है। पिछले साल यह आंकड़ा 15 था। कोटा पुलिस के अनुसार, रविवार को अविष्कार के आत्महत्या करने के कुछ घंटे बाद आदर्श राज (18 वर्षीय) ने कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र में अपने किराए के फ्लैट में शाम करीब सात बजे फांसी लगा ली।
रविवार रात को कोटा जिला कलेक्टर ओपी बुनकर ने एक आदेश जारी कर कोचिंग संस्थानों को अगले दो महीनों के लिए नियमित परीक्षा आयोजित करने से रोकने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि छात्रों को ‘मानसिक सहायता’ प्रदान करने के लिए निर्देश पारित किए गए थे।