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Saturday, May 4, 2024

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शिवसेना विधायक पर FIR पुल का उद्घाटन करने पहुंचे थे, कार्रवाई BMC की शिकायत पर

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे की परेशानी बढ़ सकती है। नियमों का उल्लंघन करने के मामले में आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। मुंबई पुलिस ने शहर के लोअर परेल इलाके में एक पुल के हिस्से का कथित तौर पर “उद्घाटन” करने के मामले में आदित्य समेत उनकी पार्टी- शिवसेना (यूबीटी) के कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया।

शनिवार तड़के शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे और उनकी पार्टी के  कई नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इस मामले में एक अधिकारी ने कहा, मामला नगर निकाय की अनुमति के बिना पुल के उद्घाटन का है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के एक अधिकारी की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई।

शिकायत में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी- शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे, एमएलसी सचिन अहीर और सुनील शिंदे, मुंबई के पूर्व मेयर किशोरी पडनेकर और स्नेहल अंबेकर और 15 से 20 अन्य लोगों ने गुरुवार रात लोअर परेल में डेलिसल ब्रिज के दूसरे कैरिजवे का उद्घाटन किया। उद्घाटन बीएमसी आयुक्त/प्रशासक की अनुमति के बिना किया गया।

अधिकारी ने कहा, बीएमसी ने इस अधिनियम को अवैध माना क्योंकि पुल अभी भी अधूरा था और उपयोग से पहले जरूरी सुरक्षा प्रमाण पत्र हासिल नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि मोटर चालक समय से पहले ही पुल का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने पुल के इस्तेमाल को लेकर संभावित जोखिम पर भी चिंताएं भी व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 143, 149 (दोनों गैरकानूनी सभा से संबंधित), 336 (तेज या लापरवाही से काम करना) और 447 (आपराधिक अतिक्रमण) के तहत ठाकरे और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

बता दें कि आदित्य ठाकरे मुंबई में वर्ली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। शिवसेना के दो फाड़ होने से पहले, नवंबर 2019 से जून 2022 तक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ गठबंधन वाली सरकार में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। महाराष्ट्र में सत्ता में रहने के दौरान आदित्य कैबिनेट मंत्री थे। 

गौरतलब है कि शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई। शिंदे की बगावत के कारण शिवसेना में भी फूट पड़ी। फिलहाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे “असली शिवसेना” खुद के पास होने का दावा करते हैं। बता दें कि सरकार बनाने के लिए शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाया।

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