सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के एक नेता श्रीकांत त्यागी की पुलिस सुरक्षा की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। उन्हें पिछले साल अगस्त एक सोसायटी में एक महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
श्रीकांत त्यागी उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसमें वह महिला के लिए कथित तौर पर अपशब्द कहते और मारपीट करते नजर आए थे। महिला ने नोएडा के सेक्टर 93-बी में ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के परिसर में त्यागी द्वारा पेड़ लगाने पर आपत्ति जताई थी। त्यागी पर महिला पर हमला करने और अपश्दों का इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया गया था।
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने की इच्छुक नहीं है। हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत यहां दिए गए फैसले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। अपील की विशेष अनुमति की याचिका खारिज की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के चार जुलाई के फैसले को चुनौती देने वाली नेता की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने यह कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी कि एक व्यक्ति जिसने हिंसा को चुना है और मानव जीवन को महत्व नहीं देता है, उसे यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि राज्य को प्रतिद्वंद्वियों से अपने जीवन की रक्षा के लिए विशेष उपाय करने चाहिए।
कोर्ट ने कहा, हमारी राय में व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करने से ऐसे व्यक्ति की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जो बड़े पैमाने पर समाज को नुकसान पहुंचाएगा। एक व्यक्ति जिसने हिंसा को चुना है और जिसके लिए मानव जीवन का कोई मूल्य नहीं है, उसको यह अनुरोध करने का कोई अधिकार नहीं है कि राज्य को अपने प्रतिद्वंद्वियों से अपने जीवन की रक्षा के लिए विशेष उपाय करने चाहिए।
हाईकोर्ट ने कहा, ऐसे व्यक्ति को यदि कोई खतरा है, तो वह उसका खुद का बनाया हुआ मामला है, जिसके लिए राज्य उसे सुरक्षा प्रदान करने के लिए आगे नहीं आ सकता है।