लखनऊ में आज मीडिया को मुखातिब करते हुए राजस्थान प्रदेश सरकार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कहा कि आजादी के आंदोलन की आवाज नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर और कांग्रेस अलग नहीं है।
उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष में योगदान देने और अंग्रेजी हुकूमत को जड़ से उखाड़ने के लिए नेशनल हेराल्ड न्यूज पेपर की शुरूआत हुई थी। ऐसोसिएटेड जनरल लिमिटेड कंपनी ने इसका प्रकाशन किया। पंडित जवाहर लाल नहेरू, सरदार पटेल, आचार्य नरेन्द्र देव, रफी अहमद किद्वई और अनेक देशभक्तों के सानिध्य में इस समाचार पत्र को 1937 में आरंभ किया गया था। अंग्रेजों को इस अखबार से इतना खतरा महसूस हुआ कि ब्रिटिश हुकूमत ने कांग्रेस द्वारा चलाये गये ‘‘भारत छोड़ो‘‘ आंदोलन के समय 1942 से 1945 तक इस अखबार को बंद करवा दिया था। उन्होंने कहा कि आज फिर उस समय की अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन करने वाली विचारधारा ‘आज़ादी के आंदोलन की इस आवाज़’ को दबाने का घिनौना षडयंत्र कर रही है। इस षडयंत्र के मुखिया स्वयं प्रधानमंत्री मोदी हैं और ई0डी0 उनका हथियार है।
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सचिन पायलट ने बताया कि इस फर्जी और षड़यंत्रकारी मामले को लेकर पूरे देश में कांग्रेसजनों में आक्रोष का माहौल व्याप्त है। कल सुबह कांग्रेस पार्टी के समस्त सांसद, नेता और कार्यकर्त्ता सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के साथ सत्याग्रह कार्यक्रम के तहत ई0डी0 दफ्तर तक पदयात्रा करके करेंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश समेत देश भर के सभी प्रदेश मुख्यालयों पर भी कल सत्याग्रह कार्यक्रम चलाया जायेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को गुमराह करने के लिए आए दिन मुद्दों को भटकाने की राजनीति में माहिर मोदी सरकार अब बदले की भावना में अंधी हो गई है। जिस मानसिकता ने अंग्रेजों का साथ दिया था, आज ‘गुलामी की प्रतीक’ वो मानसिकता ‘‘आज़ादी की कुर्बानियों’‘ से प्रतिशोध ले रही है। इस बार उन्होंने एक नई ‘‘कायराना व डरपोक साजिश’‘ की है। नेशनल हेराल्ड मामले में अब प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस अध्यक्षा व राहुल गांधी को ई0डी0 से नोटिस जारी करवाया है।
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सचिन पायलट ने कहा कि नेशनल हेराल्ड जब आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब कांग्रेस पार्टी ने 2002 से 2011 तक 10 साल में 90 करोड़ रूपये का ऋण दिया था, क्या यह कोई अपराध है? उस ऋण से नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों के वेतन और प्रकाशन के अन्य ऋण का भुगतान किया, क्या यह भी कोई अपराध है? राजनीतिक पार्टी द्वारा किसी को भी ऋण देना अपराध नहीं हैं। भाजपा और अंधभक्त बेशक इसे अपराध मानते हैं। एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड कंपनी जो 1937 से कांग्रेस पार्टी की विचारधारा का प्रचार-प्रसार कर रही है, उसकी मदद करना कोई अपराध नहीं है।
उन्होंने कहा कि साफ़ है कि तानाशाह डर गया है। साफ है कि शासन के सभी मोर्चों पर अपनी नाकामियों को छिपाने में विफल तानाशाह अब छटपटा रहा है। देश को गुमराह करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व के खिलाफ एक घिनौना और कायरतापूर्ण षडयंत्र रचा जा रहा है। पायलट ने ई0डी0 के भेजे गये नोटिस को बोगस बताते हुए कहा कि जब एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड ऋण वापस नहीं कर पाया तो ऋण की राशि ईक्विटी शेयर में परिवर्तित की गयी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी ईक्विटी शेयर नहीं रख सकती थी। तब उन्होंने एक नॉन प्रॉफिटेबल संस्था ‘‘यंग इंडियन‘‘ को दिए। ‘‘यगं इंडियन‘‘ एक नॉन प्रॉफिटेबल संस्था है।
उन्होंने उक्त मामले की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि एक नॉन प्रॉफिटेबल संस्था के ट्रस्टी, नॉन प्रॉफिटेबल संस्था से शेयर होल्डर, नॉन प्रॉफिटेबल संस्था के प्रबंधक समिति के सदस्य किसी भी प्रकार का वेतन या प्रॉफिट का हिस्सा नहीं ले सकते, तो फिर किस बात पर सोनिया जी और राहुल जी को नोटिस जारी किया गया ? एसोसिएट जनरल लिमिटेड कंपनी की सारी सम्पत्ति और कमाई आज तक एसोसिएट जनरल लिमिटेड कंपनी के नाम से ही है, किसी भी शेयर होल्डर के नाम से नहीं है।
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सचिन पायलट ने पत्रकारों के मध्य पूरे मामले की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि एसोसिएट जनरल लिमिटेड कंपनी के शेयर या सम्पत्ति कहीं भी ट्रांसफर नहीं हुई है। यंग इंडियन ने एक भी पैसा एसोसिएट जनरल लिमिटेड कंपनी से नहीं लिया है, तो क्या ‘‘ईडी‘‘ का नोटिस सोनिया और राहुल को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित होकर अपमानित करने का एक षड़यंत्र नहीं, तो और क्या है ? यंग इंडियन 99 प्रतिषत शेयर होल्डिंग के साथ एसोसिएट जनरल लिमिटेड कंपनी को कंट्रोल कर रहा है और प्रबंधक समिति के सदस्य एक भी पैसा नहीं ले रहें हैं, तो फिर सोनिया जी और राहुल जी को ‘‘ईडी‘‘ द्वारा क्यों परेशान किया जा रहा है ?