रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने शुक्रवार को चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर) से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह स्वदेशी रूप से विकसित हाई-स्पीड यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) है। इसके साथ ही भारत उन देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने फ्लाइंग विंग कॉन्फिगरेशन के नियंत्रण में महारत हासिल कर ली है।
इस यूएवी को डीआरडीओ के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (एडीई) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इस विमान की पहली उड़ान का प्रदर्शन जुलाई 2022 में किया गया था। जिसके बाद दो इन-हाउस मैन्युफैक्चर प्रोटोटाइप का इस्तेमाल करके कई डेवलपमेंटल कॉन्फिगरेशन में छह उड़ान परीक्षण किए गए थे।
इसे हल्के कार्बन प्रीप्रेग के साथ डिजाइन और निर्मित किया गया है। इसे स्वदेशी रूप से विमान की तरह बनाया गया है। इसके अलला, इसकी हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए इसमें फाइबर इंटेरोगेटर्स को जोड़ा गया है, जो कि एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता को दिखाता है।