बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में इसका रास्ता साफ हो गया है. बैठक में यह फैसला लिया गया कि राज्य में जातीय जनगणना कराया जाएगा. बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत जल्द कैबिनेट की बैठक में इस बारे में प्रस्ताव लाया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि गणना के लिए समय सीमा भी तय होगी. सभी ने सर्वसमिति से फैसला किया कि हम लोगों की राय को ड्राफ्ट का रूप देकर कैबिनेट में लाया जाएगा. वहीं, सर्वदलीय बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहा कि सभी पक्ष और विपक्षी पार्टियों से बातचीत कर सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है कि बिहार में जातीय जनगणना होगी.
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इसके लिए बड़े पैमाने पर काम करना होगा. जातीय जनगणना में जिन लोगों को लगाया जाएगा, पहले उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी. जो भी चीजे होंगी सभी पब्लिक डोमेन में रहेगा. जिसे सभी लोग जान सकेंगे कि क्या होने जा रहा है. इसके लिए पैसे की जरूरत होगी जिसे कैबिनेट से पास कराया जाएगा.
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विधानसभा में 9 दल हैं, सभी से इस संबंध में बातचीत हुई. जातीय जनगणना हो इसे लेकर सभी की सहमति भी बनी. मुख्यमंत्री ने बताया कि हर लोगों के बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी. नीतीश ने कहा कि सभी ने राय दी है कि जातीय जनगणना कराई जाए. किसी ने भी इसे लेकर विरोध नहीं किया है. सभी धर्मों की जातीय गणना होगी.
जातियों के साथ ही उपजातियों की भी गणना की जाएगी. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाजपा की ओर से उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद, राजद की ओर से प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और सांसद मनोज झा शामिल हुए. जबकि एआईएमआईएम की तरफ से अख्तरुल ईमान, कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा, माले विधायक महबूब आलम बैठक में मौजूद रहे.