सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तीस्ता सीतलवाड़ की अगुवाई वाले एनजीओ द्वारा दायर उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें धार्मिक जुलूसों, तलवारबाजी और आग्नेयास्त्रों को विनियमित करने के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया कि देशभर में किसी न किसी त्योहार पर अलग-अलग धर्मों की होने वाली शोभायात्रा के दौरान कई घटनाएं घटित होती हैं जिनपर रोक लगाए जाने की जरूरत है। याचिकाकर्ता की ओर से सीयू सिंह ने दलील देते हुए कहा कि जुलूस के लिए इन अनुमतियों से संबंधित दिशा-निर्देश हैं। उनपर कोई लागू नहीं होती। याचिकाकर्ता ने कहा कि वह अपनी अर्जी वापस लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करना चाहते हैं। लेकिन चीफ जस्टिस ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि नहीं हम इस याचिका को यहीं खारिज करेंगे।
हर धार्मिक उत्सव में दंगे नहीं होते, सकारात्मक सोचें: सुप्रीम कोर्ट
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि हम हमेशा यह क्यों दिखाना चाहते हैं कि हर धार्मिक उत्सव में दंगे होते हैं। सकारात्मक देखने की कोशिश करें। देखिए, महाराष्ट्र में ‘गणेश पूजा’ के दौरान लाखों लोग इकट्ठा होते हैं, लेकिन कोई दंगा नहीं होता है। मुख्य न्यायाधीन ने कहा कि देश में विविधता है जहां हर तरह के धर्म के लोग अपने-अपने तरह से त्योहार मनाते हैं। एक भाग की परिस्थितियां भारत के अन्य भागों से भिन्न हैं। आप चाहते हैं कि हम एक एसओपी लेकर आएं।