ई-वे बिल या इलेक्ट्रॉनिक परमिट (E-way Bill) जनरेशन अक्टूबर, 2023 के दौरान 10.3 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया। अभी तक साल के किसी भी एक महीने में इतनी संख्या में ई-वे बिल जेनरेट नहीं हुए हैं।
बता दें कि राज्यों के भीतर और बाहर माल भेजने या ट्रांसपोर्टेशन के लिए कारोबारियों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से ई-वे बिल निकाला जाता है।
त्योहारी सीजन में बढ़ी बिक्री से निकले ज्यादा ई-वे बिल
ई-वे बिल जनरेशन की संख्या में वृद्धि का सबसे बड़ा कारण त्योहारी सीजन है। साल के इस समय में अक्सर बिक्री में तेजी देखी जाती है। अधिक संख्या में ई-वे बिल जेनरेशन से नवंबर में जीएसटी कलेक्शन (GST Collection) के और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है।
50,000 रुपये से ज्यादा रुपये के माल के लिए ई-वे बिल जरूरी
गौरतलब है कि 50,000 रुपये से ज्यादा रुपये का माल भेजने यानी ट्रांसपोर्ट करने के लिए ई-वे बिल निकालना जरूरी है। ई-वे बिल की संख्या में वृद्धि अर्थव्यवस्था में मांग और आपूर्ति के रुझान का एक शुरूआती संकेत भी होता है।
अक्टूबर माह के दौरान ई-वे बिल जेनरेशन में आई लगातार वृद्धि के जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों में दिखाई देने की उम्मीद है। यह तेजी नवंबर के आंकड़ों में दिखाई देगी।
जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी से सरकार को मिलेगी मदद
जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी से फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य को बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार की प्राप्तियों को आवश्यक सहायता मिलेगी।
बता दें कि सितंबर में ई-वे बिल जेनरेशन थोड़ा धीमा होकर 9.2 करोड़ पर आ गया था। इसके बावजूद, अक्टूबर में जीएसटी कलेक्शन बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल में दर्ज 1.87 लाख करोड़ रुपये के बाद से सबसे अधिक मंथली कलेक्शन है।
बीडीओ इंडिया में अप्रत्यक्ष टैक्स पार्टनर और लीडर गुंजन प्रभाकरन ने कहा, “लोगों द्वारा की गई खरीदारी और प्रत्याशित दिवाली मांग को पूरा करने के लिए सप्लाई चेन में कंपनियों द्वारा स्टॉक को वापस भरना ई-वे बिल जेनरेशन में वृद्धि का एक बड़ा कारण है।”
साथ ही उन्होंने राजस्व अधिकारियों द्वारा बढ़ी हुई जांच और करदाताओं द्वारा बेहतर अनुपालन को भी ई-वे बिल जेनरेशन बढ़ने के कारणों में बताया।