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Thursday, May 2, 2024

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‘CBI जांच की सिफारिश तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ’, निशिकांत दुबे का दावा

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच की सिफारिश की है। मामले में मोइत्रा ने कहा कि सीबीआई को पहले अदाणी समूह द्वारा कथित कोयला घोटाले की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।

मोइत्रा ने एक्स पर लिखा, ‘  मेरा जवाब: 1. सीबीआई को पहले 13,000 करोड़ के कोयला घोटाले पर एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है। 2. राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अदाणी कंपनियों गृह मंत्रालय कार्यालय की मंजूरी के साथ भारतीय बंदरगाह और हवाई अड्डों को को खरीद रही हैं। फिर भी सीबीआई का स्वागत है। उन्होंने तंज के तौर पर यह भी कहा कि लोकपाल अभी जिंदा है।

इससे पहले खबर आई थी कि महुआ मोइत्रा पर ‘पैसे के बदले प्रश्न पूछने’ के आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति की अहम बैठक नौ नवंबर को होगी। पहले यह बैठक बीते दिन ही होनी थी। इस दौरान मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करने पर चर्चा की जानी है।

बैठक की तारीख से ऐसे मायने निकाले जा रहे हैं कि भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और अब वह अपनी सिफारिश करेगी। इससे पहले समिति के सदस्य दो नवंबर को साथ आए थे। समिति में 15 सदस्य हैं, जिनमें बहुमत भाजपा का है। 

सूत्रों की मानें तो समिति मोइत्रा के आचरण पर गंभीर रुख अपना सकती है। खासकर तब जब उन्होंने पिछली बैठक में सोनकर पर गंभीर आरोप लगाए थे। सोनकर ने मोइत्रा के आरोपों से इनकार किया है। समिति में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों ने मोइत्रा के रुख का समर्थन किया था। दो नंवबर की बैठक में हंगामे के बाद वे बाहर निकल आए थे।

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि पैसे लेकर सवाल पूछने से संबंधित आरोपों को लेकर लोकसभा की आचार समिति के समक्ष पेशी के दौरान उन्हें अपमानजनक सवालों का सामना करना पड़ा। इससे नाराज होकर उन्होंने पेशी से बाहर आने का फैसला किया।

निजी जीवन के बारे में अप्रासंगिक जानकारी मांगी गई: महुआ
महुआ ने कहा था कि उनसे उनके निजी जीवन के बारे में अप्रासंगिक जानकारी मांगी गई। उन्होंने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि वह किसी भी प्रासंगिक प्रश्न का उत्तर हलफनामे के माध्यम से देंगी। हालांकि, नियम कहते हैं कि समिति की बैठक में क्या होता है, किसी को इसके बारे में बात नहीं करनी चाहिए, लेकिन वह ऐसा इसलिए कर रही हैं, क्योंकि उन्हें मुहावरे की भाषा में कहें तो वस्त्रहरण का सामना करना पड़ा।

दावा- 11 उपस्थित सदस्यों में से पांच सदस्य बाहर आए
महुआ ने आरोप लगाया था कि समिति के 11 उपस्थित सदस्यों में से पांच सदस्य उसके अध्यक्ष के व्यवहार का विरोध करते हुए बाहर आ गए थे। यह नाम की आचार समिति है, यह संभवतः सबसे अनैतिक पेशी थी। 

क्या है मामला?
महुआ पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्तूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि महुआ द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गए 61 प्रश्नों में से 50 प्रश्न अदाणी समूह पर केंद्रित थे। आरोप है कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की ओर से अदाणी समूह पर निशाना साधने के लिए लोकसभा में सवाल पूछती थीं। उन्होंने दावा किया कि हीरानंदानी अलग-अलग स्थानों से एवं अधिकतर दुबई से सवाल पूछने के लिए मोइत्रा की ‘लॉगइन आईडी’ का इस्तेमाल करते थे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने आचार समिति के पास भेज दिया था।

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