ओडिशा के चर्चित हनी ट्रैप मामले की मुख्य आरोपित अर्चना नाग करीब 14 महीने तक जेल में बंद रहने के बाद मंगलवार को झारपाड़ा जेल से बाहर आ गई। अपनी रिहाई के तुरंत बाद, वह अपनी कानून की परीक्षा देने के लिए एक लॉ कॉलेज गई, जिसके लिए उसने जेल के अंदर तैयारी की थी। ओडिशा उच्च न्यायालय ने अर्चना के खिलाफ दर्ज ईडी के एक मामले में पांच दिसंबर को जमानत दे दी थी जिससे जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। अदालत ने इससे पहले भुवनेश्वर शहर पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दायर दो अन्य मामलों में उन्हें जमानत दे दी थी।
नाग की ताजा जमानत याचिका को अदालत ने दो लाख रुपये के मुचलके के साथ मंजूर कर लिया। उसे जमानत पर रहते हुए कोई अपराध नहीं करने की चेतावनी दी गई है और अदालत में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। उन्हें जरूरत पड़ने पर अदालतों में पेश होने के लिए भी कहा गया है। जेल से बाहर आने के बाद नाग ने संवाददाताओं से कहा, “मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो अन्याय के खिलाफ चुप रहूं। मैं न तो छिप रही हूं और न ही राज्य छोड़ रही हूं। मैं अंत तक लड़ूंगी। अदालत मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।”
अर्चना ने कहा, “मैं कानून की छात्र हूं और कानून का पालन करती हूं। अब मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और मुझे अदालत पर भरोसा है। मैं अदालत के समक्ष सभी सबूत और दस्तावेज जमा कराऊंगी।” जेल से रिहा होने के बाद अर्चना नाग अपनी परीक्षा देने के लिए भुवनेश्वर के एक लॉ कॉलेज में गई। हनी ट्रैप मामले की आरोपी अर्चना को को अक्टूबर 2022 में उनके खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उनके पति जगबंधु चंद को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे भी अब जमानत पर हैं।”
ये है ओडिशा का चर्चित हनी ट्रैप मामला
यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया था जब एक महिला ने एक उड़िया फिल्म निर्माता के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के बाद, महिला के साथ निर्माता की कुछ कथित अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। बाद में, फिल्म निर्माता ने नयापल्ली पुलिस स्टेशन के समक्ष एक और शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि नाग और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाली महिला ने उससे 3 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी।
नाग और उसके सहयोगियों पर आरोप हैं कि उन्होंने कथित तौर पर अमीर लोगों को हनीट्रैप में फंसाने के बाद आरोपियों द्वारा कैप्चर किए गए उनके अंतरंग वीडियो जारी करने के लिए ब्लैकमेल करके उनसे करोड़ों रुपये की वसूली की थी। नाग के खिलाफ 2022 में भुवनेश्वर के नयापल्ली और खंडगिरी पुलिस थानों में मामले दर्ज किए गए थे। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस जांच के दौरान, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत अपराध करने का आरोप लगाते हुए नाग के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की थी। एजेंसी ने उस दौरान लगभग 40 लाख रुपये का एक वाहन और 3.6 करोड़ रुपये के अनुमानित बाजार मूल्य वाली तीन मंजिला इमारत जब्त की थी।