ISRO: एक जनवरी 2024 को लॉन्च किए जाने वाले इसरो के पीएसएलवी-सी58 मिशन के साथ चार भारतीय स्टार्टअप भी अपने पेलोड अंतरिक्ष में भेजेंगे। ये पेलोड माइक्रोसैटेलाइट सबसिस्टम, सैटेलाइट को लक्षित ऑर्बिट में भेजने वाले थ्रस्टर्स, सैटेलाइट की रेडिएशन शील्ड कोटिंग से संबंधित हैं। ये पेलोड पीएसएलवी के ऑर्बिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल पर सैट किए जाएंगे, जो इन्हें पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करेगा।
हैदराबाद का स्टार्टअप ‘ध्रुव स्पेस’ अपने पेलोड Launching Expeditions for Aspiring Payloads – Technology Demonstrator'(LEAP-TD) की मदद से मिशन के पी-30 नैनोसैटेलाइट प्लेटफॉर्म की कार्यप्रणाली को सुचारु रूप से चलाने में मदद करेगा। हैदराबाद का ही एक अन्य स्टार्टअप TakeMe2Space रेडिएशन शील्डिंग एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल का परीक्षण करेगा। यह क्यूबसेट को ज्यादा समय तक एक्टिव रखने में मदद करेगा। बंगलूरू का स्टार्टअप ‘बेल्लाट्रिक्स एयरोस्पेस’ अपने ग्रीन मोनोप्रोपेलैंट रुद्र 0.3 एचपीजीपी थ्रस्टर्स और एक हैलो कैथोड ARKA-200 को अंतरिक्ष में भेजेगा।
कई अन्य संस्थानों के पेलोड भी अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे
आईआईटी बॉम्बे द्वारा समर्थित स्टार्टअप InspeCity Space Labs Private Limited एक ग्रीन बाइप्रोपेलैंट क्यूबसेट प्रोपल्शन यूनिट को अंतरिक्ष में भेजेगा, जो ग्रीन इंपल्स ट्रांसमीटर का परीक्षण करेगा। पीएसएलवी-सी58 के साथ तिरुवनंतपुरम के एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वूमन के सैटेलाइट वूमन इंजीनियरड सैटेलाइट को भी अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में सौर विकिरण और यूवी इंडेक्स को मापेगा। मुंबई के केजे सोमैया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के भी एक रेडियो सैटेलाइट और इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के दो पेलोड को भी इस मिशन के साथ भेजा जाएगा। अहमदाबाद स्थित फिजिकल रिसर्च लेबोरेट्री द्वारा बनाए डस्ट एक्सपेरीमेंट डिजाइन को भी अंतरिक्ष में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।