29 C
Mumbai
Friday, April 19, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

Jet Airways को सुप्रीम कोर्ट से झटका, बरकरार NCLAT का आदेश, भुगतान करना होगा पूर्व कर्मचारियों के बकाये का

सर्वोच्च न्यायालय ने नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के नए मालिक जालान-फ्रिट्ज कर्सोटियम को सोमवार को झटका दिया है। अदालत ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें एयरलाइन के पूर्व कर्मचारियों की भविष्य निधि (पीएफ) और ग्रेच्युटी के बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था। 

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, ”जो भी कदम उठाएगा, उसे पता होगा कि श्रम बकाया है। अवैतनिक श्रम बकाया को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है। कहीं न कहीं, इसे अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। क्षमा करें, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।”

शीर्ष अदालत ने कंसोर्टियम की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को बरकरार रखा। इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही कंसोर्टियम की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ किरपाल ने कहा कि उन्हें अब 200 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त राशि लगानी होगी और एयरलाइन को पुनर्जीवित करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि एक बार मंजूरी मिलने के बाद समाधान योजना में संशोधन नहीं किया जा सकता या उसे वापस नहीं लिया जा सकता।

जेट एयरवेज के असंतुष्ट कर्मचारियों के संघ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ भटनागर और अधिवक्ता स्वर्णेंदु चटर्जी अदालत में पेश हुए, जिन्होंने एयरलाइन की दिवालिया प्रक्रिया शुरू होने की तारीख को या उसके बाद इस्तीफा दे दिया था। इस संघ में एयरलाइन के 270 पूर्व कर्मचारी शामिल हैं। पूर्व कर्मचारियों ने कंसोर्टियम के कदम की आशंका जताते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष प्रतिवाद याचिका दायर की थी।

चटर्जी ने मामले की सुनवाई के बाद संवाददाताओं से कहा, ”यह आदेश न केवल पथ प्रदर्शक है, बल्कि ऐसे सभी कामगारों और कर्मचारियों के लिए आशा की किरण भी है जो इस तरह के मुकदमों में उलझे हुए हैं।” एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ अपील जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड के मुरारी लाल जालान और फ्लोरियन फ्रिट्च के कंसोर्टियम की ओर से दायर की गई थी।

कंसोर्टियम ने दावा किया था कि उसे उपलब्ध कराए गए सूचना ज्ञापन में भविष्य निधि और ग्रेच्युटी के बकाये के प्रति कॉरपोरेट देनदार (जेट एयरवेज) की किसी भी देनदारियों का खुलासा नहीं किया गया। पिछले साल 21 अक्टूबर को एनसीएलएटी ने कंसोर्टियम को एयरलाइन के कर्मचारियों के भविष्य निधि और ग्रेच्युटी बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया था।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here