राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी नेटवर्क मामले में शुक्रवार को तीसरा आरोपपत्र दायर किया। दूसरे पूरक आरोप पत्र में आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में आरोपी व्यक्तियों की भागीदारी का महत्वपूर्ण विवरण है। इस कदम के साथ ही इस मामले में आरोपियों की कुल संख्या 21 हो गई है, जिनके खिलफ एनआईए ने आरोप पत्र दाखिल किए हैं। एजेंसी ने यह जानकारी दी।
आरोप पत्र में जिन चार लोगों के नाम हैं, उनमें दरमान सिंह उर्फ दरमानजोत कहलन, परवीन वाधवा उर्फ प्रिंस, युद्धवीर सिंह उर्फ साधु और विकास सिंह शामिल हैं। इस साल 24 मार्च को एनआईए ने 14 आरोपियों के खिलाफ अपना शुरुआती आरोप पत्र दायर किया, इसके बाद नौ अगस्त को तीन अतिरिक्त व्यक्तियों के खिलाफ पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया। सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 18 (बी) के तहत आतंक की लहर फैलाने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
एनआईए ने कहा कि दरमान प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य कनाडा स्थित भगोड़े लखबीर सिंह उर्फ लांडा और लॉरेंस बिश्नोई आतंक और अपराध सिंडिकेट के बीच प्रमुख लिंक में से एक है। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने कहा कि दरमान सीमा पार से हथियारों, विस्फोटकों और मादक पदार्थ या हेरोइन की तस्करी समेत कई आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।
एनआईए ने कहा कि परवीन लॉरेंस बिश्नोई आतंकी सिंडिकेट के सहयोगियों में से एक है, वह आतंकवादी गिरोह के सदस्यों के बीच महत्वपूर्ण जानकारी के प्रसार में एक लिंक था। एनआईए ने कहा, जांच से संकेत मिलता है कि परवीन संचार चैनलों के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, जिससे गिरोह के सदस्यों, यहां तक कि विभिन्न जेलों में कैद लोगों के बीच निर्बाध बातचीत हो पाती थी।