सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्ट्री विभाग को कहा है कि वे ट्रायल कोर्ट को ‘निचली अदालत’ कहना बंद करें। निर्देश में ये भी कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को भी निचली अदालत के रिकॉर्ड नहीं कहा जाना चाहिए। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयन ने दो लोगों की याचिका पर सुनवाई की, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाने के फैसले को चुनौती दी गई थी।
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि ‘इस अदालत की रजिस्ट्री द्वारा ट्रायल कोर्ट को निचली अदालत कहना गलत है। साथ ही ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को भी निचली अदालत के रिकॉर्ड नहीं कहा जाना चाहिए। रजिस्ट्रार इस आदेश पर नोटिस लें।’ याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड की सॉफ्ट कॉपी की मांग की थी और 6 फरवरी को सुनवाई की। अब 8 फरवरी को दिए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने उक्त बात कही।