हाल के वर्षों में भारतीय छात्रों के लिए विदेशों में कई तरह के अवसर खुले हैं। इनमें वीजा शर्तों का आसान बनना भी एक कारण है। अब भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा है कि उन्हें अगले साल और अधिक भारतीय छात्रों के उनके देश में शिक्षा ग्रहण करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों के वीजा खारिज करने की संख्या भी बढ़ी नहीं है। ग्रीन ने जोर दिया, मैंने खुद आंकड़े देखे हैं, इस साल भी यह संख्या गत वर्ष के समान ही है। छात्रों की अस्वीकृति में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है।
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा कि दोनों देशों में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त रिश्ते बने हैं। भारत के कई छात्र खासतौर पर मेडिकल, नर्सिंग, प्रबंधन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए ऑस्ट्रेलिया को एक बेहतर विकल्प मानते हैं। बड़ी संख्या में भारतीय अपनी शिक्षा के हिस्से के रूप में ऑस्ट्रेलिया आना चुनते हैं।
यूरोपीय आयोग ने बदले वीजा संबंधी नियम, भारतीयों के लिए फायदेमंद
यूरोपीय आयोग ने भारतीय नागरिकों को एकाधिक प्रवेश वीजा जारी करने पर विशिष्ट नियमों की घोषणा की। ये अब तक लागू वीजा कोड (शेंगेन) के मानक नियमों की तुलना में अधिक अनुकूल हैं। भारतीयों के लिए 18 अप्रैल, 2024 को नई वीजा व्यवस्था अपनाई गई है। अब तक इसकी वैधता प्रवेश की तिथि से 90 दिन की होती थी। यह वीजा विदेश में काम की अनुमति नहीं देता था, लेकिन अब भारतीय नागरिक लंबी वैधता वाले मल्टीपल एंट्री शेंगेन वीजा के लिए भी आवेदन कर सकेंगे। यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने कहा, नए वीजा ‘कैस्केड’ के अनुसार, भारतीयों को अब दो साल के लिए वैध दीर्घकालिक, बहु-प्रवेश शेंगेन वीजा जारी किया जा सकता है।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्थापित सोशल मीडिया ‘ट्रुथ’ ने एच-1बी कार्यक्रम के लिए अर्जी दी है। इस वीजा को उन्होंने अपने कार्यकाल में प्रतिबंधित करने का प्रयास किया था। ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप ने जून 2022 में 65,000 डॉलर वार्षिक वेतन वाले एक कर्मी के लिए यह अर्जी दी। कंपनी को मंजूरी भी मिली लेकिन उसने नौकरी नहीं दी। इस वीजा आवेदन ने ट्रंप का दोहरापन उजागर किया, क्योंकि उन्होंने ही अमेरिकियों को काम पर रखने के लिए संरक्षणवादी एजेंडे का प्रस्ताव दिया था।