असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने काजीरंगा के राष्ट्रीय उद्यान में जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नागरिक, पुलिस प्रशासन और काजीरंगा प्राधिकरण के साथ शनिवार को बैठक की। उन्होंने खास तौर से बाढ़ के मौसम में संबंधित पदाधिकारियों को सभी जरूरी कदम उठाने को कहा। सीएम सरमा ने कहा कि काजीरंगा में तीन नई कमांडो बटालियन तैनात की गई हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राष्ट्रीय राजमार्ग पार करते वक्त हादसों में कोई जानवर न मारा जाए और शिकारी बाढ़ का फायदा उठा जंगली जानवरों का शिकार न कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि बाढ़ के मौसम के दौरान राष्ट्रीय उद्यान में एक नई वन बटालियन के लगभग 600 कर्मियों को भी सेवा में लगाया जाएगा।
इस दौरान सीएम ने नदी के पानी के तेज बहाव की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की भूमि के नुकसान का जायजा लेते हुए वन विभाग, जल संसाधन विभाग और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के विशेषज्ञों को लेकर एक संयुक्त कार्यदल के गठन का का एलान किया। यह दल सुधारात्मक कदमों की सिफारिश करेगा। 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। आधार पर सरकार पार्क में मिट्टी के कटाव के खतरे को दूर करने के लिए उचित कदम उठाएगी।
शिकारियों पर नजर रखने के लिए 20 नावें तैनात
वहीं, शिकारियों को रोकने के लिए काजीरंगा में लगभग 20 समुद्री इंजन वाली नावें लगाई जाएंगी। सरकार जंगली जानवरों की सुरक्षा के लिए बुरा चापोरी क्षेत्र में एक कमांडो बटालियन भी तैनात करेगी। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की बढ़ती आवक को देखते सीएम ने वन विभाग को पर्यटकों की जानकारी के लिए काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के साथ-साथ राज्य के अन्य राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की अनूठी खासियतों पर रोशनी डालने वाली एक वीडियो डॉक्यूमेंट्री तैयार करने को कहा।