समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर रहमान बर्क ने रविवार को कहा कि वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में कोई ‘शिवलिंग’ नहीं है। सपा सांसद ने कहा कि कुछ लोगों और संगठनों के इस गढ़े हुए विवाद को केवल इसलिए हवा दी जा रही है ताकि साल 2024 में होने वाले संसदीय चुनावों में दल विशेष को फायदा पहुंचाया जा सके और खास तबके के वोटबैंक को हासिल करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
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संभल से लोकसभा सांसद बर्क ने लखनऊ दफ्तर में ज्ञानवापी मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए पत्रकारों से कहा, “ये केवल हवा बनाने के लिया जा रहा है और इससे पैदा होने वाली परिस्थितियों का इस्तेमाल 2024 के चुनावों में किया जाएगा। इतिहास इस बात की गवाही दे रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में कोई ‘शिवलिंग’ नहीं था और शिवलिंग मिलने की जो अफवाह फैलाई जा रही है, वो सरासर गलत है।”
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव से पार्टी दफ्तर पहुंचे बर्क ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है लेकिन फिर भी मैं आज कह रहा हूं कि वहां एक मस्जिद है। ये दल विशेष अपने ताकत के बल-पर जबरन कर रहा है और यह सीधे तौर पर बहुसंख्यकवाद का शक्ति का प्रदर्शन है।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “देश में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। उनकी मस्जिदों पर हमले हो रहे हैं। ये सब देख रहे हैं, लेकिन सरकार इस तरह से नहीं चलती है। सरकार ईमानदारी और कानून के बल पर शासन करती है न कि बुलडोजर के नियम से। कानून सभी के लिए समान है और इसका पालन सभी को करना चाहिए।”
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मालूम हो कि जब से ज्ञानवापी विवाद का मुद्दा उठा है, सपा, बसपा और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल के प्रमुख ज्ञानवापी का नाम लेने से बच रहे हैं लेकिन सभी दल इस बात को जरूर कह रहे हैं कि कोर्ट किसी भी धार्मिक स्थल विवाद को प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के जरिये सुलझाने की कोशिश करे। फिलहाल ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ वाराणसी की जिला अदालत के सामने है।