तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत राज्य में श्रमिकों के लिए 2,696.77 करोड़ रुपये की तत्काल जारी करने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से हस्तक्षेप की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा, यह पैसा मनरेगा के तहत श्रमिकों की मजदूरी देनदारी थी, जो 20 अक्तूबर तक जमा हो गया था। इसके अलावा, उन्होंने अकुशल श्रमिकों के लिए नियमित रूप से अतिरिक्त धनराशि जारी करने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री को संबोधित एक पत्र में कहा, मैं इस संबंध में आपके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की आशा करता हूं। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान इस वर्ष 19 जुलाई तक अकुशल श्रमिकों के वेतन हेतु भारत सरकार द्वारा 4,903.25 करोड़ रुपये जारी किये गये। इसके बाद, 25 सितंबर को अकुशल मजदूरी के भुगतान के लिए लगभग 1,755.43 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
हालांकि, स्वीकृत राशि में से केवल 418.23 करोड़ रुपये आंशिक रूप से जारी किए गए प्रतीत होते हैं, जिससे 1,337.20 करोड़ रुपये की शेष राशि श्रमिकों के खातों में जमा की जानी बाकी है। इसके अलावा, बाद के हफ्तों के वेतन के लिए 1,359.57 करोड़ रुपये की देनदारी भी जारी नहीं की गई। स्टालिन ने पत्र में कहा, 20 अक्तूबर तक तमिलनाडु के श्रमिकों के लिए वेतन देनदारी 2,696.77 करोड़ रुपये हो गई है।