29 C
Mumbai
Saturday, April 20, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

शीर्ष कोर्ट के फैसले को चुनौती दिल्ली के छावला दुष्कर्म केस में, पढ़ें सुप्रीम कोर्ट की अहम खबर

सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने सुप्रीम कोर्ट में एक समीक्षा याचिका (रिव्यू पिटिशन) दायर की है। मामले में दिल्ली पुलिस ने भी याचिका दाखिल कर दी है। याचिका में 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में 19 वर्षीय एक महिला के साथ कथित रूप से दुष्कर्म और हत्या के मामले में दिल्ली की एक कोर्ट द्वारा मौत की सजा पाने वाले तीन लोगों को बरी करने के फैसले को चुनौती दी गई है।

छावला गैंगरेप-हत्या में सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर के शुरुआती सप्ताह में आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाया पीड़िता का क्षत-विक्षत शव घटना के तीन दिन के बाद बरामद किया गया था। शरीर पर गहरे जख्म मिले थे। इस घटना पर निचली अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया था।

छावला इलाके में साल 2012 में घटना को अंजाम दिया गया था जिसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। तीन युवकों ने इलाके की रहने वाली 19 साल की युवती को कार से अगवा कर लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी आंखों में तेजाब डालकर मार डाला। घटना 14 फरवरी 2012 की है।

जल्लीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट ने कही यह बात
‘जल्लीकट्टू’ की अनुमति देने वाले तमिलनाडु के एक कानून को दी गई चुनौती पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि यदि शीर्ष अदालत उसके समक्ष पेश की गई तस्वीरों के आधार पर कोई धारणा बनाता है तो यह बहुत खतरनाक स्थिति होगी। सांड को काबू करने के इस खेल के दौरान बरती जाने वाली कथित निर्ममता को दिखाने के लिए कुछ याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष कोर्ट के सामने ये तस्वीरें पेश की हैं। जल्लीकट्टू खेल का आयोजन फसल कटाई के उत्सव पोंगल के अवसर पर तमिलनाडु में किया जाता है।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here