32 C
Mumbai
Thursday, March 28, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

सरकार का अतिक्रमण अभिव्यक्ति की आजादी में कितना ज़ायज ? किसान आंदोलन से जुडे 250 ट्वीटर अकाउंट को ब्लॉक करने का आदेश

सत्ताधारी पार्टी को यदि इसी तरह पिछली सरकार ने नियंत्रित किया होता तो क्या आज वो सत्ता पर आसीन होते ?

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ क्लिक करे

Ravi Nigam , रवि जी. निगम ( संपादक/समाज सेवक )
रवि जी. निगम ( संपादक/समाज सेवक )

सरकार की ये नीति कहाँ तक जायज, क्या आज देश का नागरिक अपनी अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार खोता जा रहा है ? क्या देश में बोलने या अभिव्यक्त करने से नागरिकों को वचिंत किया जा सकता है ? क्या देश में जो संविधान लागू है, उसमें से अनुच्छेद-19 को निरस्त कर दिया गया है ? या उसे सरकार ने अपने अनुकूल संशोधित कर लिया है ?

आज देश एक विषम परिस्थियों से गुजर रहा है, देश का किसान देश का मजदूर देश का नौजवान लाचार और बेवश सा होता जा रहा है, अब उससे बोलने और अभिव्यक्त की आजादी से वंचित किये जाने के प्रयत्न किये जा रहे हैं, क्या ये देश के नागरिकों के अधिकार का हनन नहीं है ? क्या ऐसे कृत से देश की साख को बट्टा नहीं लगेगा ?

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ क्लिक करें

आज सत्ता पर आसीन सरकार क्या चाहती है ? क्या देश के नौजवान अपनी जुबांनो में ताला मारकर सरकार से समक्ष आत्मसमर्पण कर दे ? सरकार जो चाहे कानून बनाये. जो चाहे नियम बनाए देश की जनता सहर्ष उसे स्वीकार कर ले फिर वो चाहे उसके अनुकूल हो या प्रतिकूल हो वो आवाज़ भी निकाल सके, देश की सरकारी कंपनियों को को बेच डाले नौजावान, मज़दूर कोई टीका टिप्पणी भी न कर सके ये कैसी सरकार है ? क्या देश की जनता ने इन्हे इसी लिये सत्ता पर आसीन किया कि आप उसके ही विरूद्ध कानून पारित करते रहो ? और वो उफ़ भी न कर सके ?

लेकिन आज की सत्ताधारी पार्टी सायद अपने वो पुरानी विपक्ष वाली वाली भूमिका को भूल चुकी है, जब वो निवर्त्मान सरकार के खिलाफ़ मोर्चे खोला करती थी, इतना ही नहीं सोशल मीडिया का इस्तेमाल अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर अभद्र भाषाशैली उसके समर्थकों के द्वारा इस्तेमाल तक करने से नहीं चूका जाता था, आज जिस सोशल मीडिया को हथियार बनाकर वो सत्ता पर क़ाविज़ हुये आज उसी पार्टी और समर्थकों को सच बात भी आपत्तिजनक (Abuse) लगती हैं क्यों ?

“MA news” app डाऊनलोड करें और 4 IN 1 का मजा उठायें  + Facebook + Twitter + YouTube.

Download now

आखिरकार ये प्लेट्फॉर्म किसने दिया और सोशल मीडिया को इतना सशक्त किसने बनाने की कोशिस की, उस वक्त की सरकार यदि यही धारना उस वक्त बना लेती ? तो क्या ये जिस सत्ता के गुमान में ऐसे कदम उठा पा रहे हैं तो क्या ये उठा पाते ? क्या ये इस सत्ता पर क़ाविज़ हो पाते ? नहीं कतई नहीं आज ये सत्ता पर आसीन हैं तो उसकी सबसे बडी वजह या ताक़त है उस वक्त के संवैधानिक पदों पर आसीन सन्माननीयजन जिन्हों के देश की अखण्डता और संप्रभुता को कायम रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया, उसे कोई नहीं भुला सकता, जिसकी देन है कि आज की वर्तमान सरकार सत्ता पर आसीन हो पायी, लेकिन ये भी सच है कि आज की सरकार उसी सोशल मीडिया के प्रभाव से दर रही है, इतना ही नहीं उन पर अपने खाश लोगों को उस पर क़ाविज कराने का मुख्य कारण भी है।

हाँ इस बात का श्रेय ततकालीन सरकार को भी जाता है कि उसने ऐसे कोई प्रतिबंध या कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया अन्यथा जिस दौर से आज का नौजवान और जनता गुजर रही है, तो वो आज से कई साल पहले से जूझने लगती और जो हाल आज के दौर में विपक्ष का है ये दौर उस वक्त का विपक्ष झेल रहा होता, हाँ गलतियाँ तो पूर्व की सरकारों ने की ही हैं, आसतीन के सांप को दूध पिला कर अर्थात बडे-बडे सरकारी आवनटन जिन्हे किये आज वो किस पाले में हैं और किस तरह की भूमिका निभा रहे हैं ? क्या ये जैसी भूमिका निभा रहे हैं यही समर्थन उन सरकारों मिला था ? यदि मिला होता तो ये पाला बदल कर कैसे चले गये ? इस पर सुप्रीम संसस्थान को संज्ञान अवश्य लेना चाहिये अन्यथा आने वाली पीढियाँ उन्हे कभी भी मांफ़ नहीं करेंगी।

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस के दिन निकाले गए ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी दिल्ली में हिंसा के बाद तनाव जैसे हालात को ध्यान में रखते हुए ट्विटर ने 500 से अधिक अकाउंट को ब्लॉक किया था। अब केंद्र सरकार के ट्वीटर इंडिया को 250 से अधिक अकाउंट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। इन अकाउंट्स पर किसान आंदोलन को लेकर अफवाह फैलाने का आरोप लगा है।
ये कदम ट्वीटर ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेश के बाद उठाया है, जिसमें ट्विटर ने 250 से अधिक अकाउंट और उस अकाउंट के ट्वीट को ब्लॉक कर दिया है। गौरतलब है कि किसानों से जोड़ते हुए प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आपत्तिजनक ट्वीट हुए थे। सस्‍पेंड होने वाले अकाउंट में किसान एकता मोर्चा और बीकेयू एकता उरगहन समेत कई किसान नेताओं के अकाउंट भी शामिल हैं।
अपने बयान में ट्विटर ने कहा है कि कुछ अकाउंट को लेबल भी किया गया है। इन अकाउंट्स पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा यदि किसी को कुछ आपत्तिजनक या भड़काऊ लगता है तो वो उस अकाउंट और ट्वीट के बारे में रिपोर्ट कर सकता है।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here