प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बताया कि उसने भारतीयों को अवैध तरीके से विदेश भेजने के लिए रैकट चलाने वाले लोगों के खिलाफ तीन राज्यों में तलाशी अभियान चलाया। अभियान के दौरान 29 स्थानों को कवर किया गया।
एजेंसी के एक बयान के मुताबिक, उसने भारतीयों को विदेश, खासतौर पर अमेरिका और कनाडा भेजने के लिए अवैध आव्रजन रैकेट चलाने वाले एजेंट, कंसल्टेंट और उनसे जुड़े लोगों को ढूंढने के लिए गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र में अभियान चलाया। धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई एक मार्च को शुरू की गई और 29 स्थानों को कवर किया गया।
गुजरात पुलिस ने भरतभाई उर्फ बॉबी पटेल, राजूभाई बेचारभाई प्रजापति, भावेश अशोकभाई पटेल जैसे कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी की ताजा कार्रवाई इसी प्राथमिकी से उपजी है। एजेंसी ने जांच के तहत इस साल जनवरी और फरवरी में भी ऐसी ही इकाइयों पर छापे मारे थे।
पुलिस ने आरोपत्र में कहा था कि रैकेट चलाने वाले लोग विभिन्न देशों के वीजा हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 2015 से भारतीय नागरिकों को अवैध तरीके से विदेश भेज रहे थे। ईडी ने एक बयान में कहा कि इसके लिए आरोपी एक यात्री से 60 लाख रुपये से लेकर 75 लाख रुपये, दंपति से एक करोड़ से लेकर 1.25 करोड़ रुपये और दंपति के साथ बच्चे साथ होने पर 1.25 करोड़ रुपये से लेकर 1.75 करोड़ रुपये वसूलते थे।
एजेंसी ने कहा कि इन मामलों में काम करने के तरीके से पता चलता है कि आरोपी फर्जी वीजा और पासपोर्ट जारी करके लोगों को लालच देते थे और इसके लिए बड़ी रकम वसूल करते थे। भरतभाई पटेल को गुजरात पुलिस ने 2022 में गिरफ्तार किया था। वह कथित तौर पर उसी साल हुए डिंगुचा मामले में भी शामिल था। जहां चार लोगों के एक भारतीय परिवार को उस समय मौत के घाट उतार दिया गया था, जब वे कनाडा से अवैध रूप से अमेरिका में घुसने का प्रयास कर रहे थे।