30 C
Mumbai
Thursday, March 28, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

जांनिये आखिर क्या है वो किस्सा: दिलीप कुमर को JRD टाटा से मिली थी सीख, “आप कितने भी बड़े हो! कोई ना कोई आपसे बड़ा मौजूद रहेगा”

जब जेआरडी टाटा से उनकी पहली मुलाकात हुई थी। वो इतनी प्रभावी हो गई कि जीवन जीने का सीख दे गई।

मुंबई – जांनिये आखिर क्या है वो किस्सा, हिंदी सिनेमा में अभिनय की कला को नई परिभाषा देने वाले दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का कद इंडस्ट्री में शुरू से ही ऊंचा रहा है। दिलीप कुमार की एक झलक उनके स्टारडम का किस्सा खुद सुनाती थी। आज भी जब सोशल मीडिया पर उनकी कोई तस्वीर सामने आती है तो उसी तरह का प्यार दिलीप कुमार को मिलता रहा है, जिसके वो हकदार हैं। जाहिर सी बात है स्टारडम है तो खुद पर गर्व तो होगा ही।

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

गंगा जमुना और मुगले आजम जैसी कई फिल्मों का बैक टू बैक हिट होना दिलीप कुमार को बड़ा करता जा रहा था। लेकिन जेआरडी टाटा से हुई उनकी एक मुलाकात ने दिलीप कुमार को जीवन को वो बड़ी सीख दी, जिससे हर किसी को जरूर जानना और अपनाना चाहिए।

आज वायरल हो रहा है

दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी में एक किस्सा शेयर किया है जो कि आज वायरल हो रहा है। जहां पर एक किस्से में जेआरडी टाटा का जिक्र है। जब जेआरडी टाटा से उनकी पहली मुलाकात हुई थी। वो इतनी प्रभावी हो गई कि जीवन जीने का सीख दे गई। यहां जांनिये आखिर क्या है वो किस्सा।

लेकिन उन्हीं की बगल की सीट पर

एक बार प्लेन से दिलीप कुमार कहीं जा रहे थे। इसी प्लेन में बाकी लोगों ने दिलीप कुमार को देखकर उनसे बात करने की कोशिश की। कई लोग तो उनका ऑटोग्राफ लेने के लिए सीट तक पहुंच गए। लेकिन उन्हीं की बगल की सीट पर बैठा एक शख्स ऐसा था जिसे इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि उसके बगल कौन है?

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

देख कर लग रहा था कि

दिलीप कुमार ने अपने बायोग्राफी में लिखा है कि जब मैं अपने करियर में बुलंदी पर था। तब मैं एयर इंडिया से सफर कर रहा था। मेरे बगल में एक शख्स साधारण पैंट और शर्ट में बैठे हुए थे। देख कर लग रहा था कि वह मिडिल क्लास परिवार के पढ़े-लिखे शख्स हैं। वो सिर्फ अखबार पढ़ कर खिड़की के बाहर देख रहे थे। बाकी ये यात्री मुझे पहचान गए।

आप क्या करते हैं? मैंने कहा कि अभिनेता हूं।

जब चाय आई तो शांति से चाय भी पी ली। उनसे बातचीत करने के लिए मैं मुस्कुराया तो उन्होंने भी मुझे स्माइल दी। हेलो बोला। बातचीत में फिल्मों का मुद्दा आया तो मैंने पूछा कि क्या आप फिल्म देखते हैं? उन्होंने कहा कि थोड़ी-बहुत। कई साल पहले एक फिल्म देखी थी। फिर मैंने उनके कहा कि मैं फिल्मों में काम करता हूं। उन्होंने कहा कि ये बहुत अच्छा है। आप क्या करते हैं? मैंने कहा कि अभिनेता हूं। इस पर उन्होंने बोला कि ये तो बहुत अच्छी बात है।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

मैं जेआरडी टाटा हूं

इसके बाद जब यात्रा खत्म हुई तो मैंने हाथ मिलाते हुए बोला कि आपके साथ सफर करके अच्छा लगा। मेरा नाम दिलीप कुमार है। उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया और कहा कि धन्यवाद। आपसे मिलकर अच्छा लगा। मैं जेआरडी टाटा हूं। दिलीप कुमार ने इस किस्से को शेयर करते हुए लिखा है कि उस दिन मुझे समझ आया कि कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितने बड़े हो। क्योंकि कोई ना कोई आपसे बड़ा मौजूद रहेगा।हमेशा विनम्र रहें।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here