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Saturday, May 4, 2024

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नया मोड़ पांच साल पुराने जोगिंदर राणा ‘फर्जी’ एनकाउंटर मामले में, हाईकोर्ट ने SIT गठन का दिया आदेश

बॉम्बे हाईकोर्ट ने पांच साल पहले जोगिंदर राणा की कथित फर्जी एनकाउंटर में मारने के मामले में जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश दिया है। बता दें, राणा चोरी के कई मामलों में वांछित आरोपी था।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति गौरी गोडसे की खंडपीठ ने मंगलवार को कहा कि ठाणे के पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह एसआईटी का नेतृत्व करेंगे। हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी मामले की जांच करेगी। अदालत ने एसआईटी को चार सप्ताह में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

साल 2018 का मामला

बता दें, जोगिंदर राणा के भाई सुरेंद्र राणा ने याचिका दायर की थी कि नालासोपारा के लोकल क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी मनोज सुरेश सकपाल और मंगेश विट्ठल चव्हाण ने 23 जुलाई 2018 को जोगिंदर गोपाल राणा उर्फ गोविंद को फर्जी एनकाउंटर में मार दिया था। जबकि पालघर के पुलिस अधीक्षक ने एक हलफनामा दायर किया था जिसमें दावा किया गया था कि जोगिंदर राणा ने ही सबसे पहले पुलिस पर हमला किया था।

हलफनामे के अनुसार, 23 जुलाई, 2018 को चव्हाण और सकपाल पुलिस स्टेशन आ रहे थे तो उन्हें जोगिंदर दिखा। पुलिस कर्मियों ने उसे रोका तो उसने चाकू निकाल लिया और उन पर हमला करना शुरू कर दिया। जवाबी कार्रवाई में चव्हाण ने जोगिंदर पर दो गोलियां चलाईं। बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहा उसे मृत घोषित कर दिया गया।


राणा के वकील ने पेश किए सबूत

सुरेंद्र राणा के वकील दत्ता माने ने अदालत को बताया कि गवाहों ने घटना की तस्वीरें खींची थीं और वीडियो रिकॉर्ड किया था। इसे देखने से साफ पता चलता है कि पुलिस ने जोगिंदर का फर्जी एनकाउंटर किया था। 

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