शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बदलापुर हत्या कांड पर महाराष्ट्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध में शामिल आरोपियों को सजा दिलाने के बदले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार उनके (आरोपियों) साथ खड़ी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध और बदलापुर कांड को लेकर प्रदर्शन के दौरान ठाकरे ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महायुति सरकार को हटाना जरूरी है।
शिंदे सरकार पर आरोप लगाते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, “आरोपियों को सजा दिलाने के बदले सरकार उनके साथ खड़ी है। बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को विपक्षी पार्टियों महाविकास अघाड़ी (एमवीए) द्वारा 24 अगस्त को बुलाए गए महाराष्ट्र बंद पर रोक लगा दी।” ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से ‘बहिन सुरक्षित तर घर सुरक्षित’ नारे के साथ एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन चलाने का आह्वान किया। हाई कोर्ट के फैसले पर ठाकरे ने कहा, अदालत हमारी आवाज को नहीं रोक सकती है।
शिंदे सरकार पर लगे आरोप
महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने दावा किया कि राज्य में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराधियों का कानून का कोई डर नहीं है। वडेट्टीवार ने आगे कहा कि जो सीएम और डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं, वे इन पदों के लायक नहीं हैं। बदलापुर कांड पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में कोई कानून व्यवस्था नहीं है। ऐसी घटनाओं ने राज्य को शर्मसार किया है।” मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीएम शिंदे के पास लाड़ली बहिन योजना कार्यक्रम को संबोधित करने का समय है, लेकिन उनके पास पीड़ितों से मिलने का समय नहीं है। ज्यादातर अपराध ठाणे में होते हैं और ज्यादातर अपराधी शिवसेना के होते हैं।
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने बंद को रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए अपने पसंदीदा याचिकाकर्ता का इस्तेमाल किया। यह कहते हुए उन्होंने कार्यकर्ता और वकील गुणरत्न सदावर्ते की तरफ इशारा किया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एमवीए द्वारा बुलाया गया बंद 100 फीसदी सफल होने वाला था जो कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के लिए सकारात्मक संकेत नहीं है।
हाईकोर्ट के फैसले पर संजय राउत ने कहा, “अगर हमारी आवाज दबा दी जाएगी तो देश में लोकतंत्र कहां है? यह बंद लोगों के मन में व्याप्त गुस्से को प्रकट करने के लिए बुलाया गया था।” एमवीए ने कहा कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करेंगे और राज्य में शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 17 अगस्त को पुलिस ने इस मामले में स्कूल के अटेंडेंट को गिरफ्तार किया था। शख्स पर किंडरगार्टन में पढ़ रहीं तीन और चार साल की दो बच्चियों से उत्पीड़न का आरोप था। बच्चियों के परिजनों की तरफ से दी गई शिकायत के मुताबिक, अटेंडेंट ने लड़कियों का स्कूल के टॉयलेट में ही उत्पीड़न किया था। लड़कियों ने इस घटना के बारे में अपने माता-पिता को बताया था। इसके बाद मामले में शिकायत दर्ज हुई और आरोपी के खिलाफ पॉक्सो कानून की धाराओं में केस दर्ज हुआ। उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना पर स्कूल के प्रबंधन ने सोमवार को बयान जारी किया और कहा कि उसने प्रिंसिपल के साथ, एक क्लास टीचर और महिला अटेंडेंट को भी निलंबित कर दिया है। घटना को लेकर स्कूल की तरफ से माफी भी मांगी गई है।