भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार कार्ड के दुरुपयोग के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए पहले तो मास्क्ड आधार के इस्तेमाल की सलाह दी मगर जब सरकार पर सवाल उठने लगे तो यू मार लिया और सफाई पेश करते हुए कहा कि नहीं सबकुछ पहले जैसा ही है.
निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें
बता दें कि 27 मई को UIDAI सलाह थी कि किसी के भी साथ आधार की फोटोकॉपी साझा न करें. UIDAI ने इसके बजाय ‘मास्क्ड आधार’ का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी. बता दें कि मास्क्ड आधार में आधार संख्या के केवल अंतिम 4 अंक ही दिखाई देते हैं.
अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
UIDAI की विज्ञप्ति में कहा गया था, “कृपया ई-आधार डाउनलोड करने के लिए इंटरनेट कैफे/कियोस्क में सार्वजनिक कंप्यूटर का उपयोग करने से बचें. हालांकि, यदि आप ऐसा करते हैं, तो कृपया यह सुनिश्चित कर लें कि आप ई-आधार की सभी डाउनलोड की गई प्रतियों को उस कंप्यूटर से स्थायी रूप से हटा दें.”
‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें
बता दें कि मोदी सरकार जब हर जगह आधार कार्ड को अनिवार्य बना रही थी तब विरोध में विपक्ष समेत बहुत से लोग आवाज़े उठा रहे थे और प्रधानमंत्री मोदी आधार कार्ड की सिक्योरिटी का दावा कर रहे थे, कह रहे थे आधार कार्ड का ग़लत इस्तेमाल असंभव है और अब UIDAI इस बात को मान रहा है कि आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल हो रहा है और तभी उसने यह एडवाइज़री जारी की. इसका मतलब प्रधानमंत्री मोदी जी के दावे गलत थे, दूसरे जो कॉपियां ओरिजिनल आधार की अबतक लोग शेयर कर चुके हैं उनकी सुरक्षा का क्या?
अब मोदी जी तो ग़लत हो नहीं सकते इसलिए UIDAI ने अपनी सलाह को वापस ले लिया है.