एडीआर/उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच के द्वारा विधानसभा चुनाव में पुनः चुनाव लड़ रहे विधायकों एवं विधान परिषद के सदस्यों की सम्पत्ति का तुलनात्मक विष्लेषण किया गया है। इस विष्लेषण में पता चला है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में पुनः चुनाव लडने वाले 301 विधायकों/विधान परिषद के सदस्यों का विश्लेषण किया गया है। इसमें पुनः चुनाव लडने वाले 301 में से 284 (94 प्रतिशत) विधायको/विधान परिषद के सदस्यों की संपत्ति में 0 से 22057 प्रतिशत की बढोतरी पाई गई है और 17 (6 प्रतिशत) विधायको/विधान परिषद के सदस्यों की संपत्ति में 1 प्रतिशत से 36 प्रतिशत की कमी पाई गई है।
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पुनः चुनाव लडने वाले विधायको/ विधान परिषद सदस्यों की विधान सभा चुनाव 2017 में औसत सम्पत्ति 5.68 करोड थी जो विधान सभा चुनाव 2022 में बढकर 8.87 करोड हो गयी है। 2017 से 2022 के दौरान इन विधायकों/विधान परिषद सदस्यों की औसत सम्पत्ति में 3.18 (56 प्रतिशत) करोड की वृद्धि हुयी है।
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निर्वाचन क्षेत्र मुबारकपुर से ऑ इण्डिया मजलिस ए इत्तेहादुस मुसलिमीन के शाह आलम उर्फ गुडडू जमाली ने अपनी संपत्ति में सबसे 77.09 करोड की वृद्धि घोषित की है 2017 में उनकी सम्पत्ति 118.76 करोड थी जो अब 195.85 करोड हो गयी है वही दूसरे नम्बर पर छपरौली निवार्चन क्षेत्र से बीजेपी के सहेन्द्र सिंह रमाला है जिनकी सम्पत्ति में 46.45 करोड की वृद्धि हुयी है 2017 मे उनकी सम्पत्ति 38.04 करोड थी जो बढकर 84.50 करोड हो गयी है। तीसरे स्थान पर फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के प्रवीण पटेल है जिनकी सम्पत्ति में 31.9़9 करोड की वृद्धि हुयी है 2017 में उनकी सम्पत्ति 8.26 करोड थी जो बढकर 40.26 करोड हो गयी है।
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वही अगर बात करे पार्टीवार तो सबसे अधिक बीजेपी के विधायको/विधान परिषद सदस्यों की औसतन सम्पत्ति में वृद्धि हुयी है। 301 में से 223 विधायको/विधान परिषद सदस्यों के द्वारा विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी सम्पत्ति में औसतन 3 करोड की वृद्धि दिखायी है वही दूसरे नम्बर पर समाजवादी पार्टी के 55 विधायकों/विधान परिषद सदस्यों के द्वारा 2022 के चुनाव में औसतन 2 करोड की वृद्धि दर्शायी गयी है वही तीसरे नम्बर पर बीएसपी है जिसके 8 विधायक/विधान परिषद सदस्यों के द्वारा औसतन 4 करोड की वृद्धि दर्शायी गयी है।