Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयकों को वापस ले लिया। उन्होंने लोकसभा में एक संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए मसौदा विधेयकों का एक नया सेट पेश किया।
उन्होंने कहा कि गृह मामलों की संसदीय समिति की सिफारिशों को शामिल करने के लिए कई आधिकारिक संशोधन लाने के बजाय सरकार ने बदलावों को शामिल करते हुए नए विधेयक लाने का फैसला किया।
शाह ने विपक्षी सदस्यों को बताया कि इन विधेयकों पर चर्चा गुरुवार को होगी और मतदान शुक्रवार को होगा। विपक्षी सदस्यों ने तीनों विधेयकों का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय की मांग की। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने इसीलिए मंगलवार को विधेयक पेश किए हैं, ताकि सदस्यों को मसौदा कानूनों का अध्ययन करने के लिए 48 घंटे का समय मिल सके।
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से पांच खंडों में बदलाव किया गया है और अधिकांश बदलाव व्याकरण और भाषा से जुड़ा हैं। भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय सक्षम अधिनियम विधेयक दंड प्रक्रिया संहिता अधिनियम, 1898; भारतीय दंड संहिता, 1860 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित (रिप्लेस) करने का प्रयास करते हैं।
शाह ने तीनों विधेयकों को संयुक्त समिति के पास भेजने के सुझावों को भी खारिज किया और कहा कि स्थायी समिति ने कई सिफारिशें की हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि तीनों विधेयकों पर चर्चा के लिए कुल 12 घंटे का समय दिया गया है।