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Thursday, April 25, 2024

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INS मोर्मूगाओ की ताकत भारतीय नौसेना को मिली, भारत में बने शक्तिशाली युद्धपोत की 10 विशेष बातें

मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड पर बनाए गए INS Mormugao में कई खूबियां खूबियां हैं। इस स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर को आधुनिक युद्ध के लिए बनाया गया है।

स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोर्मूगाओ’ (INS Mormugao) को रविवार को भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल किया गया।

आईएनएस मोर्मूगाओ’ को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उपस्थित रहे। सिंह ने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। उन्होंने आईएनएस मोर्मूगाओ’ को प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और विशेषज्ञों के अनुसार यह 2027 में शीर्ष तीन में शामिल हो जाएगी। नौसेना प्रमुख ने कहा कि युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है।

भारतीय नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है।

इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है।  इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है।

पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मूगाओ नाम रखा गया है। संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे।

पोत को शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है। पोत 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है।

पोत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है तथा पोत में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था है।

पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों के दौरान लड़ने में सक्षम है।

इस पोत की विशेषता यह है कि इसमें लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है और इसे राष्ट्रीय लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत निर्मित किया गया है। 

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