राजस्थान में 25 नवम्बर को विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन उससे पहले वोटों के जातीय समीकरण को लेकर राजनीति तेज हो गई है। पीएम नरेंद्र मोदी जाट वोट बैंक को साधने के लिए तेजाजी के मंदिर पहुंचे तो वहीं दलित वोट बैंक पर प्रभाव जमाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सीएम अशोक गहलोत जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुंच गए। उन्हीं के विधायक और वर्तमान बीजेपी प्रत्याशी गिर्राज सिंह मलिंगा द्वारा मारपीट के बाद पिछले 20 महीनों से दलित अधिकारी हर्षाधिपति वाल्मीकि भर्ती है। हर्षाधिपति से खरगे और गहलोत की मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
गिर्राज सिंह मलिंगा धौलपुर की बाड़ी विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत कर विधायक बने थे। दबंग विधायक ने अपनी दबंगई बिजली कर्मचारी हर्षाधिपति वाल्मीकि पर इस कदर उतरी की कुर्सियों से मार- मारकर उनके शरीर में करीब 2 दर्जन फ्रैक्चर कर दिए। वाल्मीकि अभी चल फिर नहीं सकते।उनसे मुलाकात के बाद खरगे व गहलोत ने मलिंगा को टिकट देने के लिए बीजेपी पर निशाना साधा। जिसको लेकर राजनीति गरमाई।
घटना के वक्त विपक्ष ने भूमिका निभाई थी, सत्ता पक्ष ने चुप्पी साध ली थी, लेकिन अब मलिंगा को बीजेपी से टिकट मिलते ही वहां की राजनीति में निर्णायक भूमिका रखने वाले दलित वोट बेंक को साधने के लिए कांग्रेस पार्टी के शीर्ष और स्थानिय नेतृत्व ने गाड़ियों का काफिला एसएमएस अस्पताल की तरफ बढ़ा दिया।
कांग्रेस अध्यक्ष पूरे लाव-लश्कर के साथ अस्पताल पहुंचकर हर्षाधिपति और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इसके बाद बीजेपी पर निशाना साधा। अस्पताल से निकलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि असल में दलित विरोधी तो भाजपा है। कांग्रेस अगर दलित विरोधी होती तो इनकी रक्षा के लिए इतने कानून नहीं बनते। बाबा साहब आंबेडकर और पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मिलकर दलितों के लिए जो कानून बनाया है वो नहीं होते। असर में वो (बीजेपी) कभी भी दलितों के साथ नहीं थे। उनका सिर्फ एक ही मकसद है और वो आरएसएस का एजेंडा चलाना है।उन्होंने गरीबों और दलितों के लिए कभी कुछ नहीं किया।
बीजेपी ने राजनीति के भीतर काला अध्याय लिख दिया है। जिसने इस घटना को अंजाम दिया पहले उसकी आलोचना की और फिर उसी व्यक्ति को आपने टिकट दे दिया। सरकार बनाने के प्रयास में बीजेपी किस हद तक गिर सकती है उसका एक यह नमूना है। खरगे साहब और राहुल गांधी जी ने स्टैंड लिया कि किसी भी कीमत पर घटना को अंजाम देने वाले विधायक को अब टिकट नहीं मिलेगा।