पोर्श कार दुर्घटना मामले में छह आरोपियों की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अभियोजन पक्ष ने सोमवार को दावा किया कि ये प्रभावशाली व्यक्ति हैं और कई प्रमुख गवाह उनसे डरते हैं। इस मामले में जांच अधिकारी (आईओ) गणेश इंगले ने अदालत को बताया कि जमानत मिलने पर आरोपी, भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह देश से भाग सकते हैं।
छह आरोपियों की जमानत याचिका पर हुई सुनवाई
इस मामले में जिन छह आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है, उनमें नाबालिग के माता-पिता विशाल और शिवानी अग्रवाल, ससून जनरल अस्पताल के डॉ. अजय टावरे और डॉ. श्रीहरि हल्नोर के साथ-साथ कथित बिचौलिए अश्पक मकंदर और अमर गायकवाड़ शामिल हैं।
साजिश और अपराध कई जगहों पर हुआ- इंगले
मामले में सहायक पुलिस आयुक्त इंगले ने कहा कि नाबालिग के रक्त के नमूने बदलने की साजिश वडगांवशेरी इलाके के ईरानी कैफे में रची गई थी और आरोपी डॉ. अजय टावरे से संपर्क किया गया और उन्हें लालच दिया गया। उन्होंने कहा, हालांकि डॉ. टावरे ने अन्य आरोपियों से कहा था कि वह आगे नहीं आएगा, लेकिन जांच से पता चलता है कि टावरे की पूरी साजिश में अहम भूमिका है। उन्होंने आगे कहा कि साजिश और अपराध कई जगहों पर हुआ, जैसे ईरानी कैफे, ससून जनरल अस्पताल, यरवदा पुलिस स्टेशन, किशोर न्याय बोर्ड का परिसर, डॉ. हल्नोर का आवासीय परिसर।
इंगले ने अदालत को बताया कि इन जगहों से गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मामले की जांच व्यापक है और हम अन्य प्रमुख गवाहों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। जब गवाहों को बुलाया जाता है, तो वे आरोपी की पृष्ठभूमि के कारण जांच एजेंसी के पास आने से डरते हैं, जो कि काफी ऊंचे दर्जे का है। जांच अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अभी तक छह प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज नहीं किए हैं, जो डरे हुए हैं और अगर आरोपी को जमानत दी गई तो उन पर और दबाव बढ़ेगा।
‘अपराध से कम हुआ प्रशासनिक-चिकित्सा व्यवस्था में विश्वास’
इंगले ने अदालत को बताया कि अपराध इतना गंभीर था कि इससे प्रशासनिक और चिकित्सा व्यवस्था में विश्वास कम हो गया। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने रक्त के नमूने बदल दिए, बंगले में लगे सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ की और नाबालिग की जगह परिवार के ड्राइवर को दोषी ठहराने की कोशिश की। इंगले ने अदालत को बताया कि डॉ. टावरे के खिलाफ कई शिकायतें हैं, जिनमें किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़ा मामला भी शामिल है।