29 C
Mumbai
Tuesday, December 3, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

तुर्किये के नगर निकाय चुनाव में एर्दोगन की असल परीक्षा, इस्तांबुल पर सबकी नजर; जानें इसकी अहमियत

तुर्किये में आज नगर निकाय चुनाव होने जा रहा है। 31 मार्च को हो रहे इस चुनाव को देश के राजनीतिक भविष्य के रुझान की तरह देखा जा रहा है। सभी 81 प्रांतों में मतदान होगा, लेकिन असली लड़ाई 1.6 करोड़ लोगों वाले शहर इस्तांबुल के लिए है। इस देश की राजनीति में एक कहावत है कि जो भी इस्तांबुल जीतता है उसका मतलब है कि वह तुर्किये जीतता है। यही कारण है कि राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन और विपक्ष दोनों के लिए यह चुनाव बेहद अहम है। 

एर्दोगन 2014 से तुर्की के राष्ट्रपति हैं। मई 2023 में हुए आम चुनाव में वह दोबारा जीतकर राष्ट्रपति बने। जीत के बाद दिए गए अपने भाषण में ही उन्होंने स्थानीय चुनावों का बिगुल बजा दिया था। हालांकि, साल 2019 में देश भर में हुआ पिछला स्थानीय चुनाव उनके लिए निराशाजनक रहा था। उनकी जस्टिस ऐंड डेवलपमेंट पार्टी (एकेपी) देश के तीन सबसे बड़े शहरों- इस्तांबुल, अंकारा और इजमीर में हार गई थी। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी एक्रेम इमामोग्लू से इस्तांबुल हारना एर्दोगन के लिए बड़ा झटका था। इसके बाद साल 2023 में हुए चुनाव में बहुमत हासिल करके राष्ट्रपति बनकर एक बार फिर अपने विपक्षियों पर पलटवार किया।

यह बदलाव देखे जा सकते हैं
आज होने वाले चुनाव नाटो के सदस्य तुर्किये पर एर्दोगन के नियंत्रण को मजबूत कर सकते हैं या प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्था के विभाजित राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव का संकेत दे सकते हैं। वहीं, इमामोग्लू के भविष्य में राष्ट्रीय नेता बनने की उम्मीदों को बल मिल सकता है।

दरअसल, एर्दोगन के मुकाबले इमामोग्लू विपक्ष का मुख्य विकल्प बनकर उभरे हैं। माना जा रहा है कि अगर इस बार भी इमामोग्लू चुनाव जीत जाते हैं, तो वह 2028 के राष्ट्रपति चुनाव में खड़े हो सकते हैं। यह जीत उनकी संभावनाएं बढ़ा देगी, लेकिन अगर वह हारते हैं, तो ये ना केवल उनके राजनीतिक भविष्य बल्कि विपक्ष की संभावनाओं को भी बड़ा झटका दे सकता है।

सुबह सात बजे पड़ेंगे वोट
पूर्वी तुर्किये में मतदान केंद्र स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे खुल जाएंगे। वहीं, अन्य जगह सुबह आठ बजे वोटिंग शुरू होगी। सभी जगह शाम सात बजे तक वोट डाले जाएंगे। इस्तांबुल में इमामोग्लू और एकेपी उम्मीदवार मूरत कुरुम, जो एक पूर्व मंत्री हैं के बीच टक्कर है। 

एर्दोगन के राजनीतिक करियर पर नजर
एर्दोगन ने राजनीतिक करियर की शुरुआत इस्तांबुल से ही की है। साल 1994 में तुर्की के पूर्व प्रधानमंत्री नेजमेट्टिन एरबाकां की वेलफेयर पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर एर्दोगन इस्तांबुल के मेयर चुने गए और 1998 तक इस पद पर रहे। इसके बाद 2003 में प्रधानमंत्री बनकर इस पद पर तीन कार्यकाल बिताने के बाद 2014 में वह देश के राष्ट्रपति बने। वह कई मौकों पर कह चुके हैं कि जो भी इस्तांबुल जीतता है, वो तुर्किये को जीतता है।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here