28 C
Mumbai
Friday, March 29, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

संयुक्त विपक्ष का बयान: ED को मिले PMLA के तहत अधिकारों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला निराशाजनक

पीएमएलए 2002 पर सुप्रीम कोर्ट के हाल में दिए गए फैसले के दीर्घकालिक नतीजों पर आशंका जताते हुए देश के 17 विपक्षी दलों ने एक साझा बयान जारी किया है। इन दलों ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले की समीक्षा का आग्रह किया है। बयान में तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके आदि के अलावा एक निर्दलीय राज्यसभा सांसद ने भी हस्ताक्षर किए हैं।

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

इन 17 विपक्षी दलों ने धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मिले अधिकारों के संदर्भ में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि “इस फैसले से ‘राजनीतिक प्रतिशोध में लगी’ सरकार के हाथ और मजबूत होंगे।“ बयान में सभी दलों ने उम्मीद भी जताई कि शीर्ष अदालत का यह फैसला लंबे समय के लिए नहीं होगा और जल्द ही संवैधानिक प्रावधानों की जीत होगी।

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

इस बयान पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), एमडीएमके, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), रिवोल्यूशनरी सोशिल्स्ट पार्टी (आरएसपी) और शिवसेना समेत 17 दलों के नेताओं और निर्दलीय राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने हस्ताक्षर किए हैं।

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

साझा बयान में विपक्षी दलों ने कहा है, ‘‘हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के दूरगामी नतीजे होंगे जो चिंता की बात है।“ विपक्षी दलों ने कहा है कि अगर आने वाले कल में सुप्रीम कोर्ट वित्त विधेयक के जरिए इन संशोधनों को कानून गलत ठहरा दे तो सारी कानूनी कवायद बेकार हो जाएगी और न्यायपालिका का समय भी व्यर्थ जाएगा। विपक्षी दलों ने कहा कि, ‘‘हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं और हमेशा करते रहेंगे। फिर भी हम कहने को मजबूर हैं कि वित्त विधेयक के जरिये किए गए संशोधनों की वैधानिकता पर विचार करने वाली बड़ी खंडपीठ के फैसले का इंतजार किया जाना चाहिए था।’’विपक्षी दलों ने कहा है कि इन संशोधनों का उपयोग करके सरकार अपने विरोधियों को दुर्भावनापूर्ण ढंग से निशाना बना रही है।“

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here