-रवि जी. निगम
मानवाधिकार अभिव्यक्ति मा. सुप्रीम कोर्ट का देश की जनता की ओर से हार्दिक आभार व्यक्त करता है कि मा. न्यायालय ने देश में कोरोना के बिगडते हुए हालात पर स्वत: संज्ञान लिया जिससे देश की जनता को काफी हद तक राहत मिलने के आसार है क्योंकि इससे राज्य सरकारें हरक़त में आयेंगी जिसका लाभ सरकार के साथ-साथ जनता को ज्यादा होगा, मा. न्यायालय से निवेदन है कि श्रमिक उत्थान की मेल द्वारा भेजी गयी याचिका पर भी हो सके तो गौर अवश्य करें, जो जनहित में एक उचित न्याय होगा।
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नयी दिल्ली : सोमवार को SC ने दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस महामारी की भयावह होती स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सभी राज्यों से स्थिति रिपोर्ट तलब की।
दिल्ली में भयावह स्थिति
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की खंडपीठ ने कोरोना पर स्वत: संज्ञान लेने वाले मामले की सुनवाई के दौरान कहा, कि देश भर से कोरोना मामले के तीव्र वृद्धि की खबर आ रही है। वहीं पिछले दो सप्ताह में दिल्ली में स्थिति भयावह हुई है।
स्थिति की ताजा रिपोर्ट की तलब
न्यायालय ने कहा, कि कोरोना मामले की भयावहता को देखते हुए सभी राज्यों को निर्देश दिया जाता है कि वे कोरोना संक्रमण एवं इसके लिए किए जा रहे उपायों से संबंधित ताजा स्थिति की रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश करें।
दिल्ली सरकार से इलाज का माँगा ब्यौरा
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति भूषण ने दिल्ली सरकार से पूछा कि वह स्थिति को कैसे संभाल रही है और कोरोना संक्रमित रोगियों का इलाज कैसे किया जा रहा है ? क्या दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तरों की व्यवस्था है ? इसके जवाब में सरकार के वकील ने कहा कि दिल्ली के सभी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बिस्तर रिजर्व किये गये हैं। इसके बाद खंडपीठ ने सरकार से रोगियों के प्रबंधन को लेकर ताजी स्थिति की रिपोर्ट पेश करने को कहा।