केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक को अग्रिम जमानत मिली है। पश्चिम बंगाल की अदालत में हत्या की कोशिश के आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री प्रमाणिक को जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच से अग्रिम जमानत मिली है। लगभग छह साल पुराने मामले में हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रमाणिक को सरेंडर करने का निर्देश भी दिया। रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का एक मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में जस्टिस चितरंजन दास और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी सेन की पीठ ने प्रमाणिक को अग्रिम जमानत दी।
अदालत ने उन्हें एक पखवाड़े (15 दिन) के भीतर ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री प्रमाणिक राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। शीर्ष अदालत ने उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट की जलपाईगुड़ी सर्किट बेंच में अपील करने का निर्देश दिया था। अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए हाईकोर्ट की पीठ ने केंद्रीय मंत्री को जांच एजेंसी के साथ पूरा सहयोग करने का निर्देश भी दिया।
बता दें कि साल 2018 में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। दिनहाटा पुलिस स्टेशन में दर्ज इस मामले में कुछ लोगों के समूह ने सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं पर कथित रूप से गोलीबारी की, जिसमें एक शख्स घायल हो गया। इस वारदात में केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद प्रमाणिक को भी आरोपी बनाया गया। निचली अदालत ने प्रमाणिक के खिलाफ वारंट जारी किया था। राहत पाने के लिए सर्किट बेंच में उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।
कलकत्ता हाईकोर्ट की पीठ ने प्रमाणिक के मामले पर सुनवाई 22 जनवरी तक स्थगित कर दी थी। हालांकि, अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत या गिरफ्तारी से राहत नहीं दी। आदेश से असंतुष्ट होकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल पुलिस की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए हाईकोर्ट को उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई का निर्देश दिया था। प्रमाणिक के वकील ने हाईकोर्ट में दावा किया कि उनके खिलाफ दर्ज मामला राजनीति से प्रेरित है, हत्या की कोशिश के आरोप सरासर झूठे हैं।
यह भी रोचक है कि कभी बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी- तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कद्दावर नेता रहे प्रमाणिक ने फरवरी 2019 में पाला बदल लिया था। लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले भाजपा का दामन थामने वाले प्रमाणिक ने कूच बिहार लोकसभा सीट से ताल ठोकी और जीत भी हासिल की।