अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Sri Ramjanmbhumi teerth kshetr trust) के महासचिव चंपत राय (champat rai) के खिलाफ फकीरे राम मंदिर की खरीद फरोख्त को लेकर अयोध्या के सिविल कोर्ट में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। कोर्ट ने सभी को नोटिस भी जारी किया है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य अविमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने यह वाद दायर कराया है।
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दायर मुकदमे में यह मांग की गई है कि मंदिर को न तोड़ा जाये। पहले की तरह यहां भगवान को राग-भोग लगता रहे और आरती संचालित होती रहे। गौरतलब है कि राम मंदिर (ram mandir) परिसर के विस्तार के लिए ट्रस्ट ने रामकोट स्थित फकीरे मंदिर को खरीदा था। इसके बदले ट्रस्ट ने फकीरे राम मंदिर के महंत को 3 करोड़ 71 लाख रुपये और रामकोट में ही तकरीबन चार बिस्वा जमीन दी थी।
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बता दें कि इस मामले में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तरफ से न्यायालय में अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा और तरुणजीत लाल वर्मा ने अपील की थी। अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा और तरुण जीत लाल वर्मा ने ही राम मंदिर विवाद में निर्मोही अखाड़ा (Nirmohi akhara) के पक्ष में न्यायालय में की थी पैरवी।
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अधिवक्ता तरुण जीत वर्मा ने बताया कि यह मुकदमा सिविल जज डिवीजन महोदय कि चेंबर में फाइल हुआ है जिसमें वादी नंबर 1 पर विराजमान भगवान दूसरे नंबर पर संतोष दुबे और तीसरे पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद हैं। इस मुकदमे में मुख्य बिंदु है कि 27 मार्च को रघुवर शरण ने जो राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मंदिर बेचा है उसे निरस्त किया जाए। साथ ही परिसर के पास स्थित मंदिर को तोड़ा न जाए। मंदिर में हो रहे पूजा-पाठ को अनवरत जारी रखा जाए। वहीं, इससे जुड़ी कई संपत्तियां बाहर भी हैं वहां पर रिसीवर नियुक्त किया जाए। कहा कि मंदिर कभी बिक नहीं सकता है क्योंकि मंदिर की संपत्ति के मालिक भगवान होते हैं।