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Thursday, April 25, 2024

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ईरान ने इस्राईली आरोप को किया रद्द उसे कड़ी चेतावनी भी दी, क्या ईरान पर इस्राईल हमला कर सकता है कर सकता है तो क्यों नहीं किया अब तक ?

राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने कहा कि ईरान पर इस आरोप को मढ़ने से इस्राईल का लक्ष्य स्वंय को मज़लूम दिखाना और क्षेत्र में अपने अपराधों से आमजनमत का ध्यान भटकाना है

संयुक्त राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने जायोनी शासन के उस दावे को रद्द कर दिया जिसमें उसने कहा है कि ओमान सागर में ईरान ने इस्राईली जहाज़ पर हमला किया है और साथ ही उसे ग़लत आंकलन पर आधारित परिणामों के प्रति भी कड़ी चेतावनी दी है।

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समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार मजीद तख्तरवांची ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस और इसी प्रकार राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के प्रमुख के नाम अलग- अलग पत्र भेजकर इस्राईल के उस आरोप को निराधार बताया है जिसमें उसने कहा है कि ओमान सागर में इस्राईली  जहाज़ पर हालिया हमले का ज़िम्मेदार ईरान है।

साथ ही उन्होंने बल देकर कहा है कि इस हमले की विशेषतायें बता रही हैं कि इस हमले को उन खिलाड़ियों ने अंजाम दिया है जो अपने अवैध लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कुटिल चालों व नीतियों को जारी रखे हुए हैं।

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राष्ट्रसंघ में ईरानी राजदूत ने कहा कि ईरान पर इस आरोप को मढ़ने से इस्राईल का लक्ष्य स्वंय को मज़लूम दिखाना और क्षेत्र में अपने अपराधों से आमजनमत का ध्यान भटकाना है। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि दुनिया को चाहिये कि वह इस वास्तविकता के प्रति सचेत रहे और इस्राईल को यह बता दे कि आंकलन में हर प्रकार की ग़लती के दुष्परिणामों का ज़िम्मेदार वह स्वयं होगा।

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कभी- कभार इस प्रकार की बातें सुनने में आती हैं कि इस्राईल ईरान पर हमला देगा इस संबंध में जानकार हल्कों का मानना है कि इस्राईल के आक़ाओं के अंदर भी ईरान पर हमला करने की हिम्मत नहीं है अगर ईरान पर हमला करने की ताक़त होती तो वे एक सेंकेड भी देर न करते परंतु गीदड़ भभकियां सुनते हुए वर्षों का समय बीत रहा है और यह बात बहुत मशहूर है कि जो बादल गरजते हैं वे बरसते नहीं।

सवाल यह पैदा होता है कि क्या वास्तव में इस्राईल और उसके आक़ाओं के अंदर ईरान पर हमला करने की ताक़त नहीं है या ताक़त है साहस नहीं है? इसके जवाब के संबंध में जानकार हल्कों का मानना है कि इस्राईल और उसके आक़ाओं के अंदर ईरान पर हमला करने की शक्ति है मगर उनके अंदर साहस नहीं है और उसकी वजह यह है कि इस्राईल और उसके मुख्य समर्थक अपने अंजाम से डरते हैं और उनको यह बहुत अच्छी तरह ज्ञात है कि ईरान, इराक, सीरिया या अफ़ग़ानिस्तान नहीं है वह किसी पर हमला नहीं करता परंतु हमले का जवाब देने में संकोच भी नहीं करता। पिछले वर्ष ईरान ने इराक़ के अंदर आधुनिकतम हथियारों से लैस अमेरिका की सैन्य छावनी एनुल असद पर मिसाइलों की जो वर्षा की थी उसे इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।

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