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Thursday, April 18, 2024

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तीन जिंदगियां बिजनेसमैन के अंगदान से बचीं, घर में दिवाली पर लौटीं खुशियां; यह खास रिकॉर्ड बना

बिजनेसमैन प्रदीप गांधी ने हमेशा अपने बच्चों को लोगों की मदद करने की शिक्षा दी। वह खुद सामाजिक कार्यों के लिए बढ़-चढ़कर आगे आते रहे। प्रदीप अपनी मौत के बाद भी तीन लोगों को जीवन देकर गए। उनके अंगदान करने से तीन घरों में दिवाली पर खुशियां आई हैं। साथ ही गांधी के परिवार वाले भी गर्व महसूस कर रहे हैं। प्रदीप गांधी के बेहोश होने के बाद शनिवार शाम को उन्हें पवई के एलएच हीरानंदानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके ब्रेन में इंटरनल ब्लिडिंग की शिकायत थी। डॉक्टर्स ने जांच के बाद बताया कि अब तो बहुत देर हो चुकी है। सर्जरी के बाद भी उनके बचने की संभावना नहीं थी।

‘अंगदान के लिए सहमत थे परिवार के लोग’
व्यवसायी गांधी के बेटे प्रणीत को जब इसकी जानकारी मिली तो पिता के अंगदान का फैसला किया। इसे लेकर उन्होंने अपने परिवार वालों से बात की और सब सहमत हो गए। इसके बाद उनके लीवर व दोनों किडनी का दान कर दिया गया और सोमवार को उनका प्रत्यारोपण भी हो गया। उनकी स्किन को भी निकालकर सुरक्षित रख लिया गया है।

पिछले साल का टूटा अंगदान का रिकॉर्ड
यह इस साल 34वां शवदान है। 2021 में 32 शवदान हुए थे। साथ ही बाते तीन साल में सबसे अधिक शवदान का रिकॉर्ड बना है। प्रणीत ने बताया, ‘हमारे लिए यह फैसला मुश्किल नहीं था क्योंकि हम उन्हें किसी और संकट में नहीं डालना चाहते थे। मेरी मां (जयश्री), बड़े भाई (देवांग) और परिवार के अन्य सदस्य अंगदान के लिए राजी थे। दरअसल, हमें पता था कि अब पिता जी हमसे बात नहीं कर पाएंगे। वह हमारा मार्गदर्शन नहीं कर सकेंगे। हम अपने पिता की बॉडी अल्जाइमर रोग पर शोध के लिए दान करने को भी तैयार थे, लेकिन समय पर व्यवस्था नहीं हो पाई।’

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