दिल्ली में एमसीडी चुनाव के ऐलान से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर एक और घोटाले का आरोप लगाया है। भाजपा ने तीन एनजीओ के आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया कि दिल्ली में मजदूरों को मदद के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राजधानी में दो लाख फर्जी निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों के लिए काम करने वाले तीन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) ने दिल्ली में श्रमिकों के पंजीकरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। जांच में खुलासा हुआ है कि दिल्ली में दो लाख फर्जी निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। 65,000 के नाम पर एक ही मोबाइल नंबर दर्ज हैं।
संबित पात्रा ने कहा कि लगभग 9 लाख 9 हजार कुछ लोगों का रजिस्ट्रेशन आम आदमी पार्टी ने 2018 से 2021 के बीच कराया था, इसमें से अभी तक 2 लाख फर्जी रजिस्ट्रेशन पकड़े गए हैं, अभी जांच जारी है। यह आंकड़ा आज हमने अखबारों देखा तो आंख फटी की फटी रह गई है। अखबारों में प्रूफ के साथ आंकड़ा दिया गया है कि ये दो लाख फर्जी रजिस्ट्रेशन कैसे है। 2 लाख लोगों की डुबलिकेट एंट्री हुई है। इनमें से 65 हजार श्रमिक ऐसे हैं जिनका एक ही मोबाइल नंबर है। वैसे ही है लालू प्रसाद जी जैसे, एक ही स्कूटर पर सारा माल जा रहा था, वैसा ही काम है। एक ही मोबाइल नंबर और उस पर 4-5 श्रमिक हैं। 15 हजार 750 श्रमिक ऐसे हैं, जिनका पता एक ही है। इसमें लिखा है कि इनका एक दूसरे से कोई संबंध नहीं है। 4 हजार 370 ऐसे लोग पाए गए हैं जिनका स्थायी पता भी एक ही है।
संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करते हैं, लेकिन 9 लाख में से 2 लाख फर्जी रजिस्ट्रेशन किया। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह आंकड़ा 7 से 8 लाख तक जा सकता है। संबित पात्रा ने कहा, ”फर्जी लोगों का रजिस्ट्रेशन करके पैसा निकाला जा रहा है। यह बोर्ड मनीष सिसोदिया के तहत आता है, जिसका कॉरपस अमाउंट है 3 हजार करोड़ रुपए। ये 3 हजार रुपए इन्हीं बोगस लोगों को बांटे जाएंगे। पिछले वर्ष 350 करोड़ रुपए वित्तीय सहायता के नाम पर दिया था। जो असली निर्माण श्रमिक है, जो रजिस्ट्रेशन के लिए भटक रहा है उसे रजिस्टर नहीं किया जा रहा है। इस पैसे का घोटाला करके अपने कार्यकर्ताओं को देना। अपने कार्यकर्ताओं के लिए पेमेंट स्ट्रक्चर बनाना, चुनाव में जो पैसा खर्च करते हैं वह कहां से आता है। ये श्रमिकों का पैसा खर्च करके पार्टी के लिए खर्च करते हैं।”