बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को प्रधानमंत्री पर कथित टिप्पणी मामले पर राहुल गांधी के खिलाफ याचिका में शामिल कानूनी मुद्दों पर महाराष्ट्र के महाधिवक्ता से राय मांगी है। मंगलवार को राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एसवी कोटवाल ने कहा कि यह कानून के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उठाता है।
उन्होंने कहा, इसलिए मैं महाराष्ट्र के महाधिवक्ता से इस मामले से जुड़े सभी कानूनी मुद्दों पर अदालत को संबोधित करने का अनुरोध करना जरूरी समझता हूं।
राहुल गांधी के वकील सुदीप पसबोला ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 199 (2) का हवाला दिया। जिसके तहत एक सत्र अदालत ऐसे मामले का संज्ञान ले सकती है, जहां सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन के संबंध में एक लोक सेवक के खिलाफ अपराध का आरोप लगाया गया है। वकील ने कहा, इसलिए कोई मजिस्ट्रेट ऐसे मामले की सुनवाई नहीं कर सकता।
याचिकाकर्ता महेश श्रीश्रीमाल ने 2018 में प्रधानमंत्री के बारे में राहुल गांधी की ‘कमांडर-इन-थीफ’ टिप्पणी पर मानहानि की शिकायत दर्ज की थी।
उच्च न्यायालय ने मामले को अगली सुनवाई 17 अक्टूबर तक की। साथ ही, राहुल गांधी को मामले में दी गई अंतरिम राहत तब तक के लिए बढ़ा दी गई है।
राहुल गांधी द्वारा निचली अदालत के समन को चुनौती देने के बाद बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नवंबर 2021 में मजिस्ट्रेट को सुनवाई स्थगित करने का निर्देश दिया था। तब से उच्च न्यायालय के समक्ष राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई समय-समय पर स्थगित की गई और उनकी अंतरिम राहत भी बढ़ा दी गई।