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Friday, April 26, 2024

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सजा पर अब्दुल्ला आजम को नहीं मिला स्टे, MP-MLA कोर्ट में कल होगी सुनवाई आजम खां के स्टे पर

एमपी एमएलए स्पेशल सेशन कोर्ट में स्वार टांडा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के स्टे प्रार्थना पत्र पर बहस की गई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने स्टे प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया है, आजम खां द्वारा दाखिल किया गए स्टे प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी।

दो जनवरी 2008 पूर्व मंत्री और रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां अपने परिवार के साथ मुजफ्फरनगर में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। छजलैट थाने के सामने वाहन चेकिंग के दौरान आजम खां की गाड़ी पुलिस ने रुकवा ली थी। इसके विरोध में आजम खां और उनके बेटे स्वार-टांडा विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। इसकी सूचना मिलने पर आसपास के जनपदों से सपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए थे। 

आरोप है कि आम जनता को उकसा कर सड़क जाम करते हुए बवाल किया था और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की थी। इस मामले में रामपुर के पूर्व विधायक आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म, मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव, पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को आरोपी बनाया गया था। इस मामले में अदालत ने 13 फरवरी को आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए दो-दो साल की सजा सुनाई थी जबकि तीन तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। 

वहीं मुरादाबाद देहात विधान सभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हाजी इकराम कुरैशी, बिजनौर की नूरपुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक नईम ऊल हसन, नगीना से सपा विधायक मनोज पारस, अमरोहा के सपा विधायक महबूब अली, राजेश यादव, डीपी यादव,पूर्व महानगर अध्यक्ष राजकुमार प्रजापति को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया था। अब्दुल्ला आजम की ओर से उनके वकील शाहनवाज सिब्तेन ने जनपद न्यायाधीश की अदालत में स्टे प्रार्थना पत्र भी अपील के साथ प्रस्तुत किया गया था। जिसमें कहा गया कि दोषी करार दिए गए अब्दुल्ला आजम को एमपी एमएलए स्पेशल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोष सिद्ध का आदेश गलत पारित किया है। उनके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं बनता। 

विशेष लोक अभियोजक मोहन लाल विश्नोई ने बताया कि इस मुकदमे में शासन स्तर से विशेष रूप से लखनऊ से विशेष अधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने आकर बहस की थी। सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय पुनीत गुप्ता की अदालत में दोनों पक्षों की बहस हुई थी। जिसमें दोनों ही पक्षों की ओर से दलीलें पेश की गई। जिन्हें देखने एवं सुनने के बाद अदालत ने मंगलवार को अब्दुल्ला आजम के स्टे प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। साथ ही अब्दुल्ला आजम द्वारा दाखिल की गई अपील में सुनवाई के लिए 15 मार्च लगा दी है। वहीं दूसरी ओर आजम खां द्वारा दाखिल किया गया स्टे प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी।

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