तीनों विवादित कृषि कानूनों की वापसी के फैसले पर आज कैबिनेट ने किसान कानून वापसी वाले बिल पर मुहर लगा दी है . इस फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर दोपहर तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दे सकते हैं.
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पीएम मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया था. कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के लिए बिल को कैबिनेट की ओर से मंजूरी मिल गई है. इसके बाद संसद के दोनों सदनों में पारित करवाया जाएगा और तीनों कृषि कानून विधिवत रूप से खत्म हो जाएंगे.
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संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवम्बर से शुरू हो रहा है. संसदीय नियमों के मुताबिक किसी भी पुराने कानून को वापस लेने की भी वही प्रक्रिया है जो किसी नए कानून को बनाने की है. जिस तरह से कोई नया कानून बनाने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाना पड़ता है ठीक उसी तरह पुराने कानून को वापस लेने या समाप्त करने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाना पड़ता है.
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एक नया कानून बनाकर ही पुराने कानून को खत्म किया जा सकता है. संसद सत्र में लोकसभा या राज्यसभा में तीन कानूनों के लिए या तो तीन अलग-अलग या फिर तीनों के लिए एक ही बिल पेश किया जाएगा. पेश होने के बाद चर्चा या बिना चर्चा के बिल पहले एक सदन से और फिर दूसरे सदन से पारित होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही तीनों कृषि कानून निरस्त हो जाएंगे. बिल पारित होने में कितना समय लगेगा ये सरकार की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा.