नयी दिल्ली: रेलवे और एलआईसी, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण पर देश में बढ़ते रोष के बाद सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि रेलवे और LIC का निजीकरण नहीं होगा।
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रेल भारत सरकार की ही रहेगी
रेल मंत्री पियूष गोयल ने लोकसभा में अनुदान मांगों पर छह घंटे से ज्यादा समय तक चली चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सदन में कई सदस्यों ने रेलवे का निजीकरण किए जाने की बात कही है और इस पर गहरी चिंता भी जताई है लेकिन “मैं स्पष्ट कर दूं कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा और रेल भारत सरकार की ही रहेगी।”
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एलआईसी के निजीकरण की बात अफवाह
वहीँ लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल एक पूरक प्रश्न के जनाब में श्री जावडेकर ने कहा कि एलआईसी के निजीकरण की अफवाहों में ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुनाफे वाली सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सरकार का दख़ल रहेगा और इनके निजीकरण की सरकार की कोई मंशा नहीं है। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल ) जैसी सरकारी उपक्रमों में सरकार का दख़ल कम नहीं होगा। श्री जावडेकर ने कहा कि सरकारी क्षेत्र के घाटे वाले उपक्रमों के पुनरुत्थान के लिए सरकार योजना बना रही है ।
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