फर्जी वीजा और पासपोर्ट का इस्तेमाल करके भारतीय नागरिकों को विदेश भेजने के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। ईडी ने अवैध आव्रजन रैकेट को सहायता देने वाले एजेंटो के खिलाफ मामले में गुजरात और दिल्ली में छापेमारी की। प्रवर्तन निदेशालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी। यह छापेमारी 19-20 जनवरी को गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और मेहसाणा और दिल्ली में 22 स्थानों पर की गई थी। एजेंसी ने बयान में कहा कि अवैध विदेशी आव्रजन में सहायता के मामले में बॉबी उर्फ भरतभाई पटेल, चरणजीत सिंह और अन्य के तार जुड़े हैं।
भरतभाई पटेल को 2022 में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी पटेल डिंगुचा मामले में भी शामिल था, जहां कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से घुसने के प्रयास करते समय चार लोगों की मौत हो गई थी। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की कई धाराओं के तहत दर्ज ईडी का मामला 2015 से भारतीय नागरिकों को अवैध रूप से विदेश भेजने में उनकी कथित संलिप्तता के लिए आईपीसी और पासपोर्ट अधिनियम के तहत आरोपियों के खिलाफ दर्ज गुजरात पुलिस की दो एफआईआर से सामने आया था।
फर्जी पासपोर्ट के जरिए देते थे अंजाम
बता दें आरोपी गलत तरीके से यात्रिकों को डुप्लिकेट या फर्जी पासपोर्ट के जरिए कई देशों के वीजा प्राप्त करने के लिए और अवैध रूप से विदेश भेजने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रहे थे। जांच टीम के मुताबिक, वे एक यात्री से इसके लिए 60 से 75 लाख रूपये, प्रत्येक जोड़े से कम से कम एक करोड़ रुपये वसूलते थे। ईडी ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि दो दिनों की छापेमारी के दौरान लगभग 1.5 करोड़ रुपये नकद और विदेशी मुद्रा में लगभग 21 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। ईडी के मुताबिक, डिजिटल और डॉक्यूमेंट्री में कई सबूत जब्त किए गए हैं।