Parliament: संसद की सुरक्षा में चूक मामले के बाद से ही विपक्षी दल केंद्र के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। 13 दिसंबर को लोकसभा सदन में कार्यवाही के दौरान हुई घटना ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं। इसी बीच, विपक्षी सांसद सुरक्षा में सेंध मामले पर केंद्र सरकार को घेर रही है। विपक्षियों का आरोप है कि सत्ता पक्ष विपक्ष की मांग को दरकिनार कर रहा हैं। विपक्षियों की मांग है कि संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर चर्चा की जाए, लेकिन सदन की कार्यवाही के दौरान व्यवधान डालने के आरोप में बड़ी संख्या में विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। यह सिलसिला बीते शुक्रवार से शुरू हुआ, जब लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक सांसद को शीतकालीन सत्र की शेष कार्यवाही से निलंबित कर दिया था। वहीं सोमवार को भी यह कार्रवाई जारी रही लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सासंदों को निलंबित किया गया। संसद के सदनों में कार्यवाही के दौरान अब तक 141 सांसदों को सस्पेंड कर दिया गया हैं।
बता दें बुधवार को हुए विपक्षी सांसदों के निलंबन में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी समेत कई सांसद शामिल हैं।
निलंबित सासंदों की प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष के बिना लोकसभा चाहते हैं। वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे। यह संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलि है। समाजवादी पार्टी की लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने संसद के शेष शीतकालीन सत्र के लिए अपने निलंबन पर कहा, यह सरकार की विफलता है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह संसद के अंदर अराजकता के अलावा कुछ नहीं है। भाजपा को देश की संसदीय प्रणाली पर भरोसा नहीं है।