भारत सहित दुनिया भर में तम्बाकू का सेवन करने वालों की संख्या में कमी आई है। इसके बावजूद देश में अभी भी 25.1 करोड़ से ज्यादा लोग इसका सेवन कर रहे हैं। इनमें से 79 फीसदी पुरुष जबकि 21 फीसदी महिलाएं हैं। यानी भारत में अभी भी 19.8 करोड़ से ज्यादा पुरुष और 5.3 करोड़ महिलाएं तम्बाकू की लत की शिकार हैं। इनकी आयु 15 वर्ष या उससे अधिक है। यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अपनी नई रिपोर्ट ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ट्रेंड्स इन प्रीवलेंस ऑफ टोबैको यूज 2000-2030’ में दी है। रिपोर्ट के अनुसार 2010 में जहां 38 फीसदी भारतीय तम्बाकू का उपभोग कर रहे थे, वहीं अनुमान है कि 2025 में यह घटकर 21.8 फीसदी रह जाएगा। इससे स्पष्ट होता है कि तम्बाकू उपयोग में 2025 तक 30 फीसदी की गिरावट का जो लक्ष्य तय किया गया था भारत उस दिशा में सही राह पर है।
देश में करीब 7.5 करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं। इनमें 6.9 करोड़ से ज्यादा पुरुष जबकि 58 लाख से ज्यादा महिलाएं हैं। यदि वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो दुनिया में अभी भी 124.5 करोड़ लोग तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं। इनमें 20.1 फीसदी से ज्यादा भारतीय हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2000 में जहां हर तीसरा वयस्क धूम्रपान या अन्य रूपों में तंबाकू का सेवन कर रहा था,2022 में यह आंकड़ा घटकर हर पांच में से एक रह गया है।
150 देशों में तंबाकू के उपयोग में आई कमी
रिपोर्ट के अनुसार 150 देशों में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के बीच हर तरह के तंबाकू के उपयोग में उल्लेखनीय कमी आ रही है। यहां तक कि ज्यादातर देशों में धूम्रपान की दर में भी गिरावट देखने को मिली है। यह तब है कि जब तम्बाकू उद्योग सिगरेट और अन्य उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भरसक प्रयास कर रहा है। वर्ष 2000 में जहां 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के 136.2 करोड़ लोग एक या एक से ज्यादा तम्बाकू उत्पादों का सेवन कर रहे थे, 2022 में यह घटकर 124.5 करोड़ रह गए हैं। अनुमान है कि 2025 तम्बाकू सेवन करने वालों का आंकड़ा घटकर 120 करोड़ रह जाएगा।
13 से 15 वर्ष के 13 फीसदी लड़के व सात फीसदी लड़कियां कर रहीं सेवन
रिपोर्ट के मुताबिक 13 से 15 वर्ष के 13 फीसदी लड़के और सात फीसदी लड़कियां इन उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। वैश्विक डेटासेट के अनुसार 13 से 15 साल के कम से कम 3.7 करोड़ किशोर किसी न किसी रूप में तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं। इनमें 2.5 करोड़ लड़के और 1.2 करोड़ लड़कियां शामिल हैं।
हर वर्ष 80 लाख मौतों की वजह है तंबाकू
इस कमी के बावजूद स्वास्थ्य संगठन ने चेताया है कि ‘तंबाकू महामारी’ दुनिया के सामने खड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े सबसे बड़े खतरों में से अब भी एक है, जो हर साल 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार है। इनमें से 70 लाख वे हैं जो सीधे तौर पर इसका सेवन कर रहे हैं। दुर्भाग्य से 13 लाख लोगों की मौत इसलिए हो रही है क्योंकि वे अन्य लोगों द्वारा किए जा रहे धूम्रपान के दौरान निकले धुंए के संपर्क में आते हैं।