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Thursday, December 5, 2024

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बिहार में PFI से जुड़े मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर, NIA ने ये लगाए आरोप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बिहार में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की कथित गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में प्रमुख आरोपी अनवर राशिद के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। 

एनआईए के एक प्रवक्ता ने बताया कि अनवर राशिद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत शुक्रवार को पटना में एक विशेष एनआईए अदालत में नया आरोप पत्र दायर किया गया। अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के संत रविदास नगर का निवासी राशिद उन सत्रह आरोपियों में शामिल है, जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले में पिछले साल 12 जुलाई को फुलवारी शरीफ थाने में 26 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एजेंसी ने दस दिन बाद मामले को अपने हाथ में लिया और सात जनवरी, तीन अगस्त और एक सितंबर को 13 संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।    

उन्होंने कहा, जांच में पता चला है कि राशिद पूर्व में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिमी का सदस्य था। सिमी पर प्रतिबंध के बाद वह ‘वहदत-ए-इस्लामी, हिंद’ समूह के साथ जुड़ गया, जबकि सिमी की चरमपंथी, गैरकानूनी और हिंसक विचारधारा को बढ़ावा देना जारी रखा। उन्होंने कहा, सिमी पर प्रतिबंध के बाद इसके सदस्यों ने अपना सब कुछ बदल दिया। 

उन्होंने कहा, राशिद ने सिमी के पूर्व सदस्यों के एक गोपनीय समूह को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो पीएफआई के बैनर तले काम करता था। सिमी के एक अन्य पूर्व सदस्य अतहर परवेज की संलिप्तता को उजागर करना जरूरी है, जो फुलवारी शरीफ और पटना के अन्य हिस्सों सहित विभिन्न क्षेत्रों में पीएफआई की गतिविधियों के समन्वय के लिए जिम्मेदार था। अधिकारी ने कहा कि राशिद आतंकवाद के आरोपियों को धन हंस्तारित करने में भी शामिल था। 

प्रवक्ता ने कहा, इस वित्तीय मदद का उद्देश्य गैरकानूनी आतंकवादी समूहों क सदस्यों को वैचारिक और रसद समर्थन दोनों प्रदान करना था। इसके अलावा, उसने सिमी के वरिष्ठ नेताओं और विभिन्न आतंकी मामलों के आरोपितों से जानकारी और संदेश प्राप्त करने व प्रसारित करने के लिए एक केंद्रीय हब के रूप में काम किया। 

एजेंसी ने कहा कि राशिद के गाइडेंस पब्लिकेशन के साथ करीबी संबंध थे और वह नियमित रूप से भोले-भाले युवाओं और अन्य लोगों के साथ कट्टरपंथी साहित्य साझा करता था। एनआईए के प्रवक्ता ने कहा, वह वहदत-ए-इस्लामी द्वारा बनाए गए कैलेंडर को प्रसारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था, जो भारत में एक इस्लामी खलीफा की स्थापना के विचार के आसपास केंद्रित था। 

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