29.2 C
Mumbai
Saturday, May 4, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

सियासी घमासान EWS कोटे पर थम नहीं रहा, सर्वदलीय बैठक अब स्टालिन ने बुलाई; लेंगे अगले कदम पर फैसला

सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाले 10 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद भी इस पर राजनीतिक घमासान थमता नहीं दिख रहा है। खासतौर पर दक्षिण भारत के राज्य तमिलनाडु में यह बड़ा मुद्दा बन सकता है। राज्य के सीएम एमके स्टालिन ने EWS आरक्षण का विरोध किया है और इसे 100 साल की सामाजिक न्याय की यात्रा को झटका बताया है। अब उन्होंने इसके खिलाफ रणनीति बनाने के लिए 12 नवंबर को राज्य के सभी दलों की बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ अगले कदम पर विचार किया जाएगा। एमके स्टालिन ने पहले ही ऐलान किया है कि वह इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे।

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य की सभी पार्टियों के विधायक दल के नेताओं को पत्र लिखा है और मीटिंग की जानकारी दी है। सचिवालय में होने वाली इस मीटिंग में सभी राजनीतिक दलों के दो-दो सदस्यों को आमंत्रित किया गया है। मंगलवार को स्टालिन सरकार की ओर से लिखे गए पत्र में कहा गया है, ‘एक संवैधानिक संशोधन केंद्र सरकार की ओर से 2019 में पारित किया गया था। इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अब इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही करार दिया है।’

स्टालिन सरकार ने अपने पत्र में ईडब्ल्यूएस आरक्षण की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि इसका आधार आर्थिक है। इससे पहले संविधान में सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांत पर कोटे की बात कही गई थी। पत्र में कहा गया है कि EWS कोटे को चुनौती देने के लिए एक बैठक 12 नवंबर को बुलाई गई है। इस मीटिंग की एमके स्टालिन अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले सोमवार को फैसले के तुरंत बाद एमके स्टालिन का कहना था कि हम सभी को अब इसके खिलाफ एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि हमने 100 सालों तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी है। अब इस लड़ाई में शामिल रही सभी शक्तियों को एक बार फिर से एकजुट होना होगा।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here