कर्नाटक में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बंगलूरू में मुख्यमंत्री के कार्यालय और आवास के घेराव करने की कोशिश की गई। लेकिन इस दौरान भाजपा नेताओं को रोक दिया गया और पुलिस की तरफ से सभी को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया।
इस विरोध प्रदर्शन में कर्नाटक भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, पूर्व मंत्री एस. सुनील कुमार, अरागा ज्ञानेंद्र, एस. सुरेश कुमार, सी. एन. अश्वथ नारायण और सी. टी. रवि समेत पार्टी नेताओं के साथ कई विधायक और बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल हुए थे। लेकिन भारी पुलिस बल तैनात होने के कारण भाजपा कार्यकर्ता अपने मुख्यमंत्री आवास तक नहीं पहुंच पाए और उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
इस दौरान भाजपा ने आरोप लगाया है कि मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में करीब चार हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ जिनमें से एक लाभार्थी मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती है। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि 180 करोड़ रुपये के महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम घोटाले को राज्य सरकार की तरफ से छिपाने की कोशिश की गई है जिसके कारण एक लेखा अधीक्षक पी. चंद्रशेखरन को आत्महत्या करनी पड़ी।
कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार जारी- विजयेंद्र
वहीं इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने हिरासत में लिए जाने से पहले पत्रकारों से कहा, कि कांग्रेस सरकार में भ्रष्टाचार जारी है। मुख्यमंत्री के गृह जिले मैसुरु में एमयूडीए घोटाला वाल्मीकि निगम में हुए घोटाले से कहीं बड़ा है। जबकि कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने मांग की कि सरकार को एमयूडीए घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपनी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।