असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कई समन की अनदेखी करना खुद की गिरफ्तारी को आमंत्रित करने के समान है। अगर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शुरुआती समन का केजरीवाल ने जवाब दिया होता तो उनकी गिरफ्तारी को टाला जा सकता था।
सरमा ने आगे कहा, ‘जब किसी को आठ से नौ बार तलब किया जाता है और वह इन समन का सम्मान नहीं करता है, तो इसका मतलब केवल यह है कि व्यक्ति अपनी गिरफ्तारी को आमंत्रित कर रहा है। अगर वह पहली बार तलब किए जाने पर ईडी के पास गए होते, तो वह गिरफ्तार नहीं होते।’
आप का आज विरोध प्रदर्शन
मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) रविवार को पूरी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करेगी। इस दौरान होलिका दहन के समय पुतला फूंका जाएगा और कैंडल मार्च निकाला जाएगा। आप के राज्यसभा सांसद डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार देश की संस्थाओं को खत्म कर रही है। जो भी भाजपा के खिलाफ बोलता है, उसके पीछे ईडी और सीबीआई छोड़ दी जाती है। आप का मानना है कि यह गिरफ्तारी भाजपा सरकार को हटाने का एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकती है।
21 मार्च को हुए गिरफ्तार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद केजरीवाल ने शनिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। कोर्ट में उन्होंने अपनी गिरफ्तारी और निचली अदालत द्वारा 22 मार्च को जारी रिमांड के आदेश को चुनौती दी है।
आतिशी ने की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गिरफ्तारी की मांग
आम आदमी पार्टी ने शनिवार को दावा किया है कि दिल्ली शराब नीति घोटाले के 60 करोड़ का मनी ट्रेल भाजपा के खाते में मिला है। मंत्री व आप नेता आतिशी ने कहा कि इस मामले में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गिरफ्तारी होनी चाहिए। चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक होते ही भाजपा और शराब कारोबारी शरत रेड्डी के बीच मनी ट्रेल का लिंक सामने आ गया है। गिरफ्तारी से पहले शरत रेड्डी ने भाजपा को 4.5 करोड़ दिए थे और गिरफ्तारी के बाद 55 करोड़ रुपये दिए। आतिशी ने दावा किया कि ईडी की तरफ से मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया शरत रेड्डी का पूर्व में बयान था कि वह अरविंद केजरीवाल को नहीं जानते, लेकिन बाद में पलट गए। अब रेड्डी के बयान के आधार पर सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में दो साल से सीबीआई-ईडी की जांच चल रही है, लेकिन जांच में पैसा कहां गया, क्या घोटाला हुआ इस बारे में जांच एजेंसियां कोर्ट को कुछ बता नहीं पाईं।