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Thursday, May 2, 2024

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पुष्टि हुई भूकंप में लापता भारतीय नागरिक की मौत की, शव मलबे के बीच मिला

तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप को करीब छह दिन हो चुके हैं, लेकिन यहां मलबे के नीचे से लाशों के निकलने का सिलसिला अभी भी जारी है। इस बीच, तुर्किये और सीरिया में आए भीषण भूकंप के बाद लापता हुए एक भारतीय नागरिक की मौत पुष्टि हो गई है। भारतीय दूतावास, अंकारा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। दूतावास ने ट्वीट कर कहा कि ‘छह फरवरी के भूकंप के बाद से तुर्किये में लापता एक भारतीय नागरिक विजय कुमार के नश्वर अवशेष मिले हैं। मलत्या में एक होटल के मलबे के बीच उनके शव की पहचान की गई है।

विदेश मंत्रालय ने दी थी जानकारी
भूकंप के बाद विदेश मंत्रालय के सचिव संजय वर्मा ने प्रेस कांफ्रेस करके तुर्किये के हालात और वहां फंसे भारतीयों की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि तुर्किये में 1939 के बाद में आई यह सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा है। भूकंप से प्रभावित तुर्किये के इलाकों में10 भारताीय फंसे हुए हैं, हालांकि वे सुरक्षित हैं। इसके साथ ही एक नागरिक के लापता होने के बारे में भी उन्होंने जानकारी दी थी। 

नासा भी कर रहा मदद
तुर्किये और सीरिया में भूकंप के कहर ने अब तक 25 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। अभी भी बड़ी संख्या में मलबे के नीचे लोग फंसे हुए हैं। इनमें कुछ लोग जिंदा हैं तो कुछ मौत से जंग हार चुके हैं। इस बीच, राहत बचाव कार्य में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने भी सहयोग करना शुरू कर दिया है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी है। इसके अनुसार,  नासा के वैज्ञानिक लगातार तुर्किये और सीरिया के भूकंप प्रभावित इलाकों की सैटेलाइट इमेज और डेटा संबंधित सरकारों के साथ शेयर कर रहे हैं। इससे राहत-बचाव कार्य में मदद मिल रही है। नासा ने भूकंप के पहले और बाद की कुछ तस्वीरों के साथ एक प्रॉक्सी नक्शा भी तैयार किया है।

भारत ने चलाया ऑपरेशन दोस्त
भारत ने तुर्किये में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ चलाया है। इसके जरिए भारत ने तुर्किये के लोगों की मदद तेज कर दी है। सेना, एयरफोर्स के जवान, एनडीआरएफ ऑर डॉक्टर्स की टीम तुर्किये भेजी गई है। बड़े पैमाने पर राहत सामग्री भी भेजी गई है। भारत से वायुसेना के विमानों के जरिए बड़ी मात्रा में राहत और चिकित्सा सामग्री भेजी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह संकटग्रस्त सीरिया और तुर्किये की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

सेना ने बनाया पैरा फील्ड अस्पताल
99 सदस्यीय टीम में ऑर्थो, जनरल सर्जन, बेस्ट ओरल मैक्सिलोफेशियल सर्जन, सामुदायिक चिकित्सा विशेषज्ञ, लॉजिस्टिक अधिकारियों और तीन चिकित्सा अधिकारियों, 13 डॉक्टर तुर्किये के हाटे में भूकंप प्रभावित लोगों को चिकित्सा सहायता और राहत प्रदान कर रही है।  सेकंड-इन-कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श ने बताया कि 60 पैरा फील्ड अस्पताल भारतीय सेना की पैरा-ब्रिगेड का एक हिस्सा है। यहां पहुंचने के तुरंत बाद, हमने एक स्कूल भवन में अपना अस्पताल स्थापित किया। हमारे यहां एक प्रयोगशाला और एक्स-रे की सुविधा है। हमने तुरंत इलाज शुरू किया।

उन्होंने बताया, हमारे पास ऐसे लोग भी थे जिन्हें 3 दिनों के बाद मलबे से बाहर निकाला गया था। हमने उन्हें ठीक किया और सभी तरह की मदद मुहैया करा रहे हैं। हमने एक दिन पहले सुबह 3.30 बजे साढ़े तीन घंटे की लंबी कठिन सर्जरी की, रोगी स्थिर है और आज अदाना में तृतीयक देखभाल के लिए भेजा गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल आदर्श ने बताया,  हमारे पास कल 350 मरीज आए और आज सुबह से 200 मरीज आए। 

तुर्किये के नागरिकों ने जताया आभार
तुर्किये के नागरिक फुरकान कहते हैं, “मैं वास्तव में उनका आभारी हूं क्योंकि वे पहले समूह हैं जो यहां आए … यह पहली बार था जब मैं भारत के लोगों के एक समूह से मिला और मैं अपनी भावनाओं को समझा नहीं सकता। मैं उन्हें ‘दोस्त’ कहता हूं लेकिन मैं उन्हें भाइयों और बहनों की तरह देखता हूं।”

विनाशकारी भूकंप के बाद से 25 हजार से ज्यादा मौतें
विनाशकारी भूकंप में 25 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सोमवार छह फरवरी को सीरिया और तुर्किये की सीमा पर 7.8 और 7.6 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र करीब 18 किलोमीटर नीचे था, जिसकी वजह से जमीन पर खड़ी इमारतों को गंभीर नुकसान पहुंचा। इस क्षेत्र में अरेबियन प्लेट उत्तर की ओर खिसक रही है और एनातोलियन प्लेट से इसका घर्षण हो रहा है।

लोगों की मदद के लिए ‘ऑपरेशन दोस्त’ जारी
तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप के बाद से ‘ऑपरेशन दोस्त’ जारी है। हाटे में एक स्कूल की इमारत की तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें भारतीय सेना का 60 पैरा फील्ड अस्पताल लोगों को चिकित्सा सहायता और राहत उपाय प्रदान करते हुए नजर आ रहा है। 

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